पहलवान विनेश फोगाट के पेरिस ओलंपिक 2024 से डिस्क्वालिफाई होने के बाद लोगों के मन में बस यही सवाल उठ रहा है कि आखिर विनेश ने ऐसा क्या खा लिया कि एक दिन पहले उनका वजन 2 किलो से ज्यादा बढ़ गया। आखिर क्यों विनेश के कोच, डाइटीशियन और हेल्थ एक्सपर्ट्स मिलकर भी वजन कम नहीं कर पाए। हकीकत ये है कि ओलंपिक या इस तरह के दूसरे इवेंट्स में होने वाले मुकाबलों से पहले पहलवान को खाना तो छोड़िए पानी तक नहीं दिया जाता है। खेल से पहले होने वाले वेट के दौरान शरीर से पूरा पानी निचोड़कर निकाल दिया जाता है। यानि बॉडी को पूरी तरह से डिहाइड्रेट करना पड़ता है।
एथलीट्स इवेंट से हफ्तेभर पहले तक अपना वजन आसानी से कम कर सकते हैं, लेकिन एक पहलवान के लिए इवेंट से 24 घंटे पहले का समय बहुत ही दर्दनाक होता है। इस दौरान उन्हें वजन को मेंटेन करने के लिए हर वो कोशिश करनी पड़ती है जो वो कर सकते हैं। विनेश के कोच और फिटनेस एक्सपर्ट्स ने भी बताया, कि किस तरह से विनेश ने पूरी रात वजन घटाने के लिए साइकलिंग, रनिंग और सोना बाथ तक लिया। वजन कम करने के लिए खाना तो दूर पानी तक नहीं दिया गया। शरीर में जमा पूरा पानी निकालने के लिए पसीना आना जरूरी होता है, लेकिन एक समय के बाद जब विनेश के शरीर में पसीना आना बंद हो गया था तो फिर एक्सरसाइज या जाइट से वजन घटाना खतरनाक हो सकता था। इसके बाद वजन घटाने के दूसरे तरीके जैसे बाल काटना, ड्रेस छोटी करना और नेल्स काटने के तरीके अपनाएं गए।
क्यों वजन कम नहीं कर पाई विनेश फोगाट?
अब आपको ये समझने की जरूरत है कि आखिर शरीर से पसीना आना क्यों बंद हो जाता है और फिर क्यों 1 ग्राम वजन कम करना भी मुश्किल हो जाता है। दरअसल एक स्टेज पर पहुंचकर शरीर में पसीना आना बंद हो जाता है। पसीना न आना इस बात का संकेत है कि अब आपके शरीर में पानी न के बराबर है। ऐसी कंडीशन में अगर आपके शरीर से किसी तरह का वर्कआउट करवाया जाता है तो ये आपके लिए जानलेवा स्थिति हो सकती है। यही कारण है कि विनेश को डिहाइड्रेशन के कारण अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था।
इवेंट से पहले के 24 घंटे, पहलवानों के लिए सबसे मुश्किल
पहलवान दीपक पुनिया को रोम रैंकिंग सीरीज और रवि दहिया को टोक्यो ओलंपिक से वजन ज्यादा होने की वजह से बाहर होना पड़ा था। इन एथलीट्स का कहना है कि इवेंट से पहले के 24 घंटे बहुत मुश्किल होते हैं। वजन ज्यादा होने की वजह से ज्यादातर पहलवानों को अपने इवेंट से पहले डाइट जीरो करनी पड़ती है। बिना खाए ट्रेनिंग करनी पड़ती है। पानी तक छोड़ना पड़ जाता है। जिससे वो अपने वेट कैटेगरी में फिट बैठ सकें। इवेंट से पहले पहलवान को कड़ी एक्सरसाइज करनी पड़ती है। ज्यादा से ज्यादा पसीना बहाने के लिए मोटे जैकेट्स के साथ वर्कआउट करवाया जाता है। वाटर रिटेंशन के जरिए शरीर से पानी कम किया जाता है।
बिगड़ने लगता है बॉडी और दिमाग का संतुलन
डाइटीशियन स्वाति की मानें तो 'भूख और शरीर में पानी की कमी से खिलाड़ी कई बार चिड़चिड़ा हो सकता है। दिमाग काम करना बंद कर देता है। कई बार ऐसी स्थिति में एथलीट बेहोश हो जाते हैं या चक्कर खाकर गिर जाते हैं।' जब वेट को कंट्रोल करने के लिए इतनी मेहनत करनी पड़ती है तो आप समझ लीजिए कि इवेंट के दौरान एक खिलाड़ी की क्या स्थिति होती होगी।
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