डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद जरूरी है ये 1 टेस्ट, रिसर्च से जानें क्यों है ये गंभीर मामला
American Diabetes Association का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को उम्र बढ़ने के साथ ये टेस्ट जरूर करवाना चहिए। क्यों और कैसे, जानते हैं।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो कि समय के साथ आपके शरीर को खोखला कर देती है। ये शरीर के तमाम अंगों को प्रभावित करने लगती है और आपको कई गंभीर बीमारी का शिकार बना सकती है। ऐसे में American Diabetes Association की एक रिपोर्ट आई है जिसमें बताया गया है कि हर डायबिटीज के रोगी के लिए नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर टेस्ट करवाना जरूरी है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने कहा है कि टाइप 2 डायबिटीज या प्रीडायबिटीज वाले सभी वयस्कों के लिए नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर की जांच करवाना जरूरी है क्योंकि ये स्थिति लिवर डैमेज का कारण बन सकती है।
शुगर के मरीजों के लिए क्यों जरूरी है नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर टेस्ट?
American Diabetes Association की ये रिपोर्ट बताती है कि डायबिटज में लिवर की देखभाल कितनी जरूरी है। एडीए के मुख्य विज्ञान और चिकित्सा अधिकारी रॉबर्ट गैबे ने कहा, एडीए ने बीमारी पर सिफारिशें प्रकाशित की क्योंकि हमें एहसास हुआ कि यह एक व्यापक मुद्दा बनता जा रहा है। कई मायनों में, टाइप 2 डायबिटीज और मोटापा लिवर रोग के प्रमुख कारण बन रहे हैं और हर डायबिटीज के रोगी में आगे चलकर ये समस्या हो सकती है।
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क्या है नॉन अल्कोहलिक फैटी डिजीज?
नॉनअल्कोहलिक फैटी लिवर रोग, तब होता है जब लिवर में अतिरिक्त फैट जमा हो जाती है। अनुमान है कि यह लगभग 24% अमेरिकी वयस्कों को प्रभावित करता है। कई बार गंभीर रूप लेने पर इसे नॉनअल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस या एनएएसएच (nonalcoholic steatohepatitis) कहा जाता है, जिसमें लिवर में सूजन और घाव की समस्या हो जाती है। ऐसे में लिवर ट्रांसप्लांटेशन और लिवर कैंसर की समस्या हो सकती है।
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तो, अगर आपका शुगर लेवल हाई रहता है तो ये लिवर फाइब्रोसिस का कारण बन सकता है। तो, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट या हेपेटोलॉजिस्ट के पास जाएं और ये टेस्ट करवाएं।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)