Diabetes : डायबिटीज के ज़्यादातर मरीज पेट की इन गंभीर बीमारियों से होते हैं पीड़ित, जानें क्या है वजह और बचाव के उपाय?
Diabetes :डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो कि आपके कई अंगों को प्रभावित कर देती है। ऐसे में ये पेट से जुड़ी कई समस्याओं का भी कारण बनती है।
Diabetes : डायबिटीज इंडिया में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। लाइफस्टाइल से जुड़ी यह बीमारी बेहद गंभीर होते जा रही है। इस बीमारी में शरीर के कई अंग एक साथ प्रभावित होते हैं। लेकिन इसकी वजह से इंसान का पेट सबसे ज्यादा असर होता है। जी हां, डायबिटीज के मरीजों को पाचन क्रिया सबसे ज्यादा प्रभावित रहता है। चलिए आपको बताते हैं इस बीमारी में आपको पेट से जुड़ी कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं ?
डायबिटीज में कब्ज की समस्या
डायबिटीज के मरीजों को अक्सर कब्ज की समस्या रहती है। दरअसल, डायबिटीज इंसान के मेटाबॉलिज्म को स्लो कर देता है। इससे पॉटी करने में मुश्किल होती है और कब्ज की समस्या बनी रहती है। ऐसी स्थिति में आप अपनी डाइट में फाइबर वाली चीजों को ज़्यादा शामिल करें, जो कि मल त्याग को आसान बनाए और कब्ज की समस्या को दूर करे।
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डायबिटिक गैस्ट्रोपैरीसिस
गैस्ट्रोपैरीसिस पेट के मांसपेशियों के गति को प्रभावित करती है। जब हमारे पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं तो ये खाने को अच्छी तरह पचाती हैं और उसे आगे बढ़ाते है। लेकिन अगर आपको गैस्ट्रोपैरेसिस है, तो आपके पेट की गति धीमी हो जाती है या बिल्कुल भी काम नहीं करती है, जिससे आपका पेट ठीक से खाली नहीं हो पाता है। इससे शुगर और बढ़ता है। साथ ही इससे पाचन तंत्र की समस्याएं और बढ़ने लगती हैं।
एसिड रिफ्लक्स
हमारा भोजन से बनने वाला एसिड आंतों के निचले हिस्से में जाने की बजाय वापस इसोफेगस की ओर लौटने लगता है। जब खाना ढंग से पचता नहीं है तो वह एसिड का निर्माण करता है और यह एसिड वापस इसोफेगस की ओर आने लगता है। इस वजह से पेट में एसिडिटी और गैस की समस्या बनी रहती है। ऐसे में इसके इलाज के लिए दवा, आपके जीवनशैली में बदलाव, जैसे वजन कम करना और धूम्रपान छोड़ना जैसी चीजों को करना चाहिए।
डायबिटीज एंटर न्यूरोपैथी
डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित 50 फीसदी लोगों को यह बीमारी होने की संभावना बनी रहती है। डायबिटीज एंटर न्यूरोपैथी आपके आंत के नसों को नुकसान पहुंचाती है। दरअसल, जब खून में ग्लूकोज का स्तर अत्यधिक हो जाता है, तो ग्लूकोज नसों में जमा हो जाता है और एक सिरप की तरह बन जाता है जो इन कोशिकाओं के अंदर घुल जाता है। ऐसे में जब ये लंबे समय तक बना रहता है, तो नसें मरने लगती हैं और पेट में दर्द, अपच और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं होने लगती हैं।लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाकर और ब्लड शुगर को मैनेज कर डायबिटिक न्यूरोपैथी के बढ़ते प्रकोप को कंट्रोल कर सकते हैं।