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Hindi News हेल्थ बच्चों में बढ़ रहा अवसाद, बाबा रामदेव के इन आसान उपायों से बच्चों को मेंटल स्ट्रेस से बचाएं

बच्चों में बढ़ रहा अवसाद, बाबा रामदेव के इन आसान उपायों से बच्चों को मेंटल स्ट्रेस से बचाएं

पढ़ाई का दबाव बच्चों को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक फ्यूचर में उनके उम्र से 20 साल पहले बीमार पड़ने की संभावनाएं ज़्यादा हैं और जो बीमारियां उनको घेर सकती हैं उनमें र्थराइटिस, स्पॉन्डिलाइटिस, पीठ दर्द, कमर दर्द के साथ मसल्स कमजोर होने के चांस बढ़ जाते हैं।

 Baba Ramdev- India TV Hindi Image Source : FREEPIK Baba Ramdev

खुशबू सिर्फ 15 साल की थी, इतनी छोटी उम्र में इतना बड़ा कदम और वजह बेहद मामूली। पढ़ाई का प्रेशर ये कहानी सिर्फ खुशबू की नहीं है ना जाने ऐसी कितने बच्चे हैं जो पढ़ाई का स्ट्रेस ना झेल पाने पर दुनिया को अलविदा कह चुकें हैं। आखिर ये प्रेशर आता क्यों है पैरेंट्स, स्कूल, भारी भरकम सिलेबस आखिर ऐसी कौन सी वजह है? देखिए अमूमन हर पेरेंट को अपने बच्‍चे के मार्क्‍स और ग्रेड्स की चिंता होती है वो चाहते हैं कि उनका बच्‍चा पढ़ाई में अच्छा निकले और जाने-अनजाने ये दबाव बच्चों पर ट्रांसफर हो जाता है। लेकिन खुशबू के साथ तो ऐसा भी नहीं था उसके मां-बाप तो यही कहते थे कि जो भी नंबर्स आएं ठीक है। प्रेशर सिर्फ पेरेंट्स से नहीं आता कई बार दोस्‍तों के बीच नंबर वन बनने का प्रेशर। सबसे अच्छा परफॉर्म करने का दबाव भी बच्चों को तनाव में ला देता है। बच्चों की दिमागी हालत को समझते हुए ही पीएम मोदी भी हर साल स्टूडेंट्स के साथ 'परीक्षा पर चर्चा' करते हैं ताकि उनके मेंटल स्ट्रेस को कम किया जा सके। 

पढ़ाई का ये दबाव बच्चों को शारीरिक तौर पर भी नुकसान पहुंचाता है स्कूल, कोचिंग में ही फंसे रहने वाले बच्चों की फिज़िकल एक्टिविटी काफी कम हो जाती है। ज़रा सोचिए जिस जनरेशन के लोग अपने बचपन में खूब खेले-कूदे हैं, वो  45-50 साल की उम्र में मोटापा, शुगर जैसी कई क्रॉनिक डिज़ीज़ के मरीज़ बन रहे हैं ऐसे में जो बच्चे बचपन से फिज़िकली इतने एक्टिव नहीं हैं उनका क्या होगा। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक फ्यूचर में उनके उम्र से 20 साल पहले बीमार पड़ने की संभावनाएं ज़्यादा हैं और जो बीमारियां उनको घेर सकती हैं उनमें र्थराइटिस, स्पॉन्डिलाइटिस, पीठ दर्द, कमर दर्द के साथ मसल्स कमजोर होने के चांस बढ़ जाते हैं। कई बार नॉर्मल बर्थ के बाद भी लेस फिजिकल एक्टिविटी और मेंटल प्रेशर की वजह से हाथ-पैर की मसल्स डैमेज होने लगती हैं बैलेंस आउट होने लगता है। ऐसे में हमारी कोशिश तो यही होनी चाहिए कि बच्चों को हर तरह के स्ट्रेस से बचाया जाए ताकि शारीरिक और मानसिक दोनों लेवल पर उनका विकास हो।

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी

  1. हिप 
  2. पिंडलियां  
  3. हाथ 
  4. कमर 
  5. लंग्स
  6. हार्ट

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी - 3 साल की उम्र में उजागर

  1. जेनेटिक डिजीज
  2. उठने में लड़खड़ाना
  3. बार-बार गिरना
  4. एड़ी उठाकर चलना
  5. जल्दी थकान

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी

  1. 80 तरह की बीमारियां
  2. DMD सबसे घातक
  3. लड़कों में लक्षण उजागर
  4. महिलाएं डैमेज जीन्स कैरियर
  5. डैमेज जीन्स बच्चों में ट्रांसफर 

बच्चे बनेंगे चैंपियन

  1. शार्प मेमोरी
  2. शानदार कंसंट्रेशन 
  3. तेज दिमाग
  4. अच्छी ग्रोथ

योग से मेमोरी होगी शार्प

  1. योग करने से बच्चों में मेमोरी स्टोरेज ज्यादा

बच्चों के लिए सुपरफूड

  1. दूध
  2. ड्राई फ्रूट 
  3. ओट्स 
  4. बींस 
  5. शकरकंद
  6. मसूर की दाल 

बच्चों का डाइट चार्ट 

  1. दिन में 1 कटोरी दाल जरूरी 
  2. दिन में 2 कटोरी सब्जी लें 
  3. 1 कटोरी फल जरूर दें
  4. 500 ml दूध जरूरी 

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