दिल्ली की हवा में घुले प्रदूषण के ज़हर का हाल इन आंकड़ों से जान सकते हैं। दिल्ली के कुछ इलाकों में AQI 506, 473, 472, 471 तक पहुंच चुका है। आखिर इतनी ज़हरीली हवा में लोग सांस कैसे ले पा रहे हैं। दिल्ली वाले तो अब बस यही पूछ रहे हैं कि बिना साफ हवा के जीएं तो जीएं कैसे । स्मॉग की चादर में शहर ऐसा लिपटा है कि आंख, नाक, कान हर जगह से प्रदूषण शरीर में घुस रहा है। राजधानी के 14 इलाकों में AQI साढ़े चार सौ के पार है। जहांगीरपुरी का तो AQI कल सुबह 500 क्रॉस कर गया था। कोई इसके लिए पराली के धुएं को जिम्मेदार बताता है तो कोई गाड़ियों से निकलने वाले धुएं को। कुछ लोग प्रदूषण की बड़ी वजह फैक्ट्रियों और कंस्ट्रक्शन को भी मानते हैं।
वजह जो भी हो, सच यही है कि हम हर पल ज़हरीली सांस ले रहे है। जिसका बुरा असर सिर्फ रेस्पिरेटरी ट्रैक और लंग्स पर ही नहीं हार्ट-लिवर-किडनी पर भी पड़ रहा है। और तो और इलाज के बाद भी शरीर से इसका असर खत्म होने में काफी वक्त लगता है। मामूली खांसी ही ठीक होने में 10 से 15 दिन ले रही है। कफ-कोल्ड, गला चोक होने के मामले घर घर में हैं। ज़हरीली हवा में लगातार सांस लेने से गठिया जैसी घातक ऑटो इम्यून बीमारी भी ट्रिगर होने लगी है। अस्पतालों में सांस के मरीज़ 30% बढ़े हैं। खराब हवा में सांस लेने वाली प्रेगनेंट महिलाओं के बच्चे गर्भ में ही बीमार हो रहे हैं।
नवजात बच्चों का वज़न भी प्रदूषण बढ़ने से कम हुआ है। वहीं 16% मिसकैरेज की वजह नाइट्रस ऑक्साइड में सांस लेने को बताया गया है। साइंस जर्नल लैंसेट की स्टडी बताती है कि वायु प्रदूषण की वजह से भारत में करीब 17 लाख तो W.H.O के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल खराब हवा की वजह से 70 लाख लोग बेमौत मारे जाते हैं।
एक तो प्रदूषण का खतरा उपर से ठंड भी अचानक बढ़ गई है। यानि सेहत पर डबल वार हो रहा है। आखिर इससे कैसे बचें आइये स्वामी रामदेव से जानते हैं प्रदूषण से बचने के आयुर्वेदिक और यौगिक उपाय साथ ही जानेंगे योग कैसे प्रदूषण के असर को कम करता है।
प्रदूषण का वार
- ब्रेन
- आंख
- रेस्पिरेटरी ट्रैक
- फेंफड़े
- हार्ट
- लिवर
- किडनी
- पैंक्रियाज़
जहरीली हवा का असर
- कफ-कोल्ड
- गला चोक
- आर्थराइटिस
- हाई बीपी
- सांस की परेशानी
फेफड़े बनेंगे मजबूत
- श्वासारि क्वाथ पीएं
- मुलैठी उबालकर पीएं
- चने की रोटी खाएं
कोलेस्ट्रॉल करें कंट्रोल
- लौकी का सूप पीएं
- लौकी की सब्जी खाएं
- लौकी का जूस लें
थायराइड से बचें
- सुबह एप्पल विनेगर पीएं
- रात में हल्दी दूध लें
- कुछ देर धूप में बैठें
- नारियल तेल में खाना बनाएं
- 7 घंटे की नींद जरूर लें
- 30 मिनट योग करें
लाइफस्टाइल बदलें
- वजन ना बढ़ने दें
- स्मोकिंग छोड़ें
- समय पर सोएं
- 8 घंटे की नींद लें
- बीपी-शुगर रेगुलर चेक कराएं
- मसालेदार खाने से बचें
- वर्कआउट जरूर करें
- मेडिटेशन फायदेमंद
किडनी बचाएं
- सुबह नीम के पत्तों का रस पीएं
- शाम को पीपल के पत्तों का रस पीएं
डायबिटीज करें कंट्रोल
- खीरा, करेला, टमाटर का जूस लें
- जामुन की गुठली का पाउडर खाएं
- सदाबहार का फूल फायदेमंद
हाई बीपी में कारगर
- अलसी
- हल्दी
- लहसुन
- दालचीनी
- नींबू
- तुलसी
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