अर्थराइटिस को आम भाषा में गठिया के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी में व्यक्ति के जोड़ों में दर्द के साथ सूजन भी आ जाती है। यह स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए काफी तकलीफदेह होती है क्योंकि इस दौरान उसे असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार देश की करीब 15 प्रतिशत आबादी इस बीमारी से जूझ रही है। इस बीमारी के कारण शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिसकी वजह से जोड़ों में सूजन आ जाती है। इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों को अपनी डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए किन चीजों से दूरी बना लेनी चाहिए-
दही से बना लें दूरी-
अर्थराइटिस की परेशानी झेल रहे लोगों को दही का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। भले ही दही हड्डियां और दांतों के लिए अच्छा होता है, लेकिन अगर अर्थराइटिस का मरीज दही का सेवन करता है तो दर्द की समस्या अधिक बढ़ सकती है। कई ऑर्थोपेडिक रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से आर्थराइटिस के मरीजों में अक्सर समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में उन्हें सुझाव दिया जाता है कि वे दूध, दही, छाछ और अंडे जैसी हाई प्रोटीन चीजों का सेवन कम करें।
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इन चीजों से भी बनाएं दूरी-
ज्यादा प्रोटीन वाली चीजों से बचें -
गठिया के मरीजों को ज्यादा प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। प्रोटिन युक्त भोजन गठिया के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
ठंडी चीजों से करें बचाव-
गठिया के मरीजों को फ्रिज में रखी हुई दही, खट्टी और ठंडी छाछ का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आइसक्रीम, कुल्फी और बर्फ से बनी चीजों का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
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इन सब्जियों से करें परहेज -
शतावरी, पत्तागोभी, पालक, मशरूम, टमाटर, सोयाबीन तेल जैसी सब्जिओंhttps://www.indiatv.in/topic/arthritis-patients का गठिया से पीडित व्यक्तियों को परहेज करना चाहिए।
प्रोसेस फूड से बना लें दूरी -
प्रोसेस्ड फूड को प्रिजर्व करने के लिए ट्रांस फैट का इस्तेमाल किया जाता है और यही ट्रांस फैट इनफलेमेशन को बढ़ा सकता है। गठिया के मरीजों को प्रोसेस्ड फूड पैकेज्ड मील और स्नैक्स खाने से बचना चाहिए।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेद की जानकारी के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इसके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।
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