covid 19 omicron patients symptom पूरी दुनिया में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले तेज रफ्तार से बढ़ रहे हैं। एक तरफ जहां अमेरिका औऱ ब्रिटेन जैसे देश ओमिक्रॉन के कहर से पस्त हो गए हैं वहीं भारत में भी इस संक्रमण की तेज रफ्तार लोगों को अपनी जद में ले रही है। लंदन से खबर आ रही है कि यहां ओमिक्रॉन बहुत ज्यादा मरीज अस्पतालों में भर्ती किए जा रहे हैं। हालांकि कम लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही लेकिन जनता में इस बात का भ्रम जरूर है कि क्या ओमिक्रॉन के हर मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी है?
लंदन में बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल में जा रहे हैं लेकिन जो लोग आईसीयू में भर्ती किए जा रहे हैं उनमें एक बात कॉम न है कि उन्होंने कोविड वेक्सीनेसन नहीं करवाया गया है। रॉयल लंदन अस्पताल के ICU डॉक्टर प्रोफेसर रूपर्ट पीयर्स के मुताबिक ऐसे लोग ज्यादा गंभीर तौर पर बीमार हो रहे हैं जिन्होंने वेक्सीन नहीं लगवाया है।
लंदन में यूं भी वेक्सिनेशन काफी कम हुआ है इसलिए आईसीयू में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है।
वहीं भारत की बात करें तो यहां वेक्सीन को लेकर फैलाई गई जागरुकता ने काम किया है औऱ अधिकतर लोगों ने वेक्सान लगवा ली है। ऐसे में दिल्ली के अस्पतालों में ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद क्रिटिकल लोगों की संख्या कम ही है।
हैल्थ एक्सपर्ट सुझाव दे रहे हैं कि जिन लोगों को ओमिक्रॉन के लक्षण दिख रहे हैं वो सबसे पहले टेस्ट करवाए और लक्षणों की गंभीरता को देखकर ही अस्पताल का रुख करें। यानी जिन लोगों को ओमिक्रॉन के हल्के लक्षण हैं वो घर पर ही दवा लेकर आराम और आइसोलेशन का पालन कर सकते हैं औऱ पांच दिन बाद फिर से टेस्ट करवा सकते हैं।
गंभीर स्थिति जैसे बहुत ज्यादा बुखार, सांस लेने में दिक्कत इत्यादि पर ही आईसीयू में भर्ती करने की नौबत आ रही है।
गले में कफ, सिर में दर्द, हल्का बुखार होने पर टेस्ट करवाएं और अगर स्थिति गंभीर नहीं लग रही तो दवा लेकर खुद को घर में ही आइसोलेट करें और आराम करें।
अगर सिर में ज्यादा और लगातार दर्द हो रहा है, तेज बुखार है और लूज मोशन के चलते शरीर पस्त हो गया है और सांस फूल रही है तो अस्पताल का रुख करें।
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