कोविड-19 दुनिया का सबसे खतरनाक संक्रमण था, जिसमें न जाने कितने लोगों की जान चली गई। कोविड के साइड इफेक्ट्स को हम और आप आज भी झेल रहे हैं। कोरोना ने पूरे शरीर के सिस्टम को हिला कर रख दिया है। पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। खासतौर से युवाओं में हार्ट अटैक के केस सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं। इसकी वजह कोई वैक्सीन को मान रहा है तो कोई कोविड इंफेक्शन को। अब हाल ही में कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया, लखनऊ में हुए एक सम्मेलन में विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के बाद धमनियों में आए खुरदुरापन और सूजन बढ़ने की वजह से युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि इसमें वैक्सीन के कारण हार्ट अटैक की बात को सिरे से खारिज किया गया है।
कोविड-19 के बाद बढे हैं अचानक हार्ट अटैक के मामले
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि नॉर्मल इंसान की धमनियां काफी स्मूद और चिकनी होती हैं, लेकिन कोविड-19 इंफेक्शन के बाद धमनियों में खुरदुरापन बढ़ गया है। हार्ट तक पहुंचने वाली धमनियों में सूजन पाई जा रही है। जिसकी वजह से क्लॉटिंग हो रही है और अचानक हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं।
कोरोना की वैक्सीन से नहीं है हार्ट अटैक का संबंध
कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की स्टडी की मानें तो बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों के पीछे ये एक बड़ी वजह है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अचानक हार्ट अटैक से हुई ज्यादातर मौतों में 30 से 40 साल के वो लोग शामिल हैं जो कोविड की चपेट में आए थे। इसका कोविड-19 वैक्सीन से कोई संबंध नहीं है।
आपको बता दें पिछले कुुछ सालों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। 35-40 साल के युवाओं को अचानक हार्ट अटैक आ रहा है। सोचने का भी समय नहीं मिल पा रहा है और अचानक लोगों की जान चली जा रही है। खासतौर से कोविड-19 के बाद हार्ट अटैक के मामले काफी ज्यादा बढ़े हैं। कुछ लोगों का कहना है कि ये कोविड-19 की वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स हैं। जबकि डॉक्टर्स ने इससे साफ इनकार किया है।
Latest Health News