कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर में जारी हैं। इसकी शुरुआत दिसंबर में चीन के वुहान शहर से आया था। वहीं दूसरी ओर वैज्ञानिक इसकी उत्पत्ति को लेकर कई दावे पेश कर चुके हैं। लेकिन हाल में आए एक दावे ने हर किसी को चौका दिया है। इस नए शोध में शोधकर्ताओं ने दावा किया कि कोरोना वायरस कई दशकों पहले ही पनप चुका खा। जो सालों बाद एक नए रूप में हमारे सामने आया है।
प्रकृति सूक्ष्मजीवविज्ञान पत्रिका ने ऑनलाइन कोविड-19 के स्रोत के बारे में एक अंतरराष्ट्रीय दल के अनुसंधान का परिणाम जारी किया। इस अध्ययन से पता चला है कि नोवेल कोरोना वायरस 40 से 70 साल पहले के वायरस से परिवर्तित हुआ है। वास्तव में इस तरह का वायरस चमगादड़ में कई दशकों से फैल चुके थे।
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अध्ययनकर्ताओं के विचार में वायरस के स्रोत का पता लगाना महामारी के नियंत्रण के लिए नाजुक है। अध्ययनकर्ताओं ने अनुसंधान में पाया गया है कि चमगादड़ इन वायरसों का मुख्य माध्यम है। इस अध्ययन दल के सदस्य अमेरिका के पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी, ब्रिटिश एडिनबर्ग युनिवर्सिटी, हांगकांग विश्वविद्यालय से आये हैं।
शोधकर्ताओं ने कोरोना के उत्पन्न होने कते रहस्य को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे कि इस वायरस की जेनेटिक सरंचना के बारे में पता लग सके।
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वहीं, बीबीसी ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इस अध्ययन के परिणाम से ऐसे कथन निराधार बन गये हैं, जैसे वायरस लैब से निकला है या फिर इसे बनाया गया है।
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