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Coronavirus LIVE: यूपी में कोविड रिकवरी रेट पहुंचा 91.4 प्रतिशत, बिहार में रिकवरी रेट 90 फीसदी से ज्यादा

कोरोना महामारी देश में तेजी से फैलती जा रही हैं। शहर ही नहीं बल्कि गांव भी अब चपेट में आ रहे हैं। कोविड-19 से लाखों लोग संक्रमित हो चुके हैं और हजारों लोग अपनी जान गवां चुके हैं।

 Coronavirus Live: स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन, हल्के या बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज होम आइस- India TV Hindi Image Source : FREEPIK.COM   Coronavirus Live: स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन, हल्के  या बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज होम आइसोलेशन के वक्त ध्यान रखें ये बातें

कोरोना महामारी देश में तेजी से फैलती जा रही हैं। शहर ही नहीं बल्कि गांव भी अब चपेट में आ रहे हैं। कोविड-19 से लाखों लोग संक्रमित हो चुके हैं और हजारों लोग अपनी जान गवां चुके हैं। हर तरफ ऑक्सीजन और ब्लैक फंगस से लेकर कोविड की तीसरी लहर तक की चर्चा हो रही है।

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Live updates : Coronavirus Live Update

  • 11:37 PM (IST) Posted by Jyoti Jaiswal

  • 10:17 PM (IST) Posted by Jyoti Jaiswal

    बिहार में कोरोना के 6,059 नए मरीज, 104 की मौत, रिकवरी रेट 90 फीसदी से ज्यादा

    बिहार में लॉकडाउन के बाद कोरोना संक्रमण की रफ्तार को लगाम लगी है। बुधवार को राज्य में 6,059 कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है, जिससे राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या 58,610 पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में 104 संक्रमितों की मौत हुई है। इस बीच, रिकवरी रेट 90 प्रतिशत से ज्यादा पहुंच गया है। राज्य में बुधवार को 6,059 कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है, जो मंगलवार की तुलना में कम है। मंगलवार को राज्य में 6,286 संक्रमितों की पहचान हुई थी जबकि रिकॉर्ड 111 संक्रमितों की मौत हो गई थी।

    राज्य में नए मरीजों में पटना में सर्वाधिक 1,244 नए संक्रमित मिले हैं। पटना सहित 8 जिलो में 200 से अधिक नए संक्रमण के मामले मिले हैं, जिनमें औरंगाबाद में 227, बेगूसराय में 335, भागलपुर में 261, गया में 259, मधुबनी में 247, नालंदा में 212 और सुपौल में 278 लोग शामिल हैं।

    राज्य में ऐसे 10 जिले हैं, जिसमें 50 से कम संक्रमित मिले हैं।

    राज्य का रिकवरी रेट बुधवार को 90.64 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

    इस बीच, स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच की संख्या में लगातार वृद्धि की जा रही है। बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में पिछले 24 घंटे में 1,40,102 नमूनों की जांच की गई। इस दौरान 12,043 लोग कोरोना संक्रमण से मुक्त हो कर अपने घर वापस गए हैं।

    राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान 104 संक्रमितों की मौत हुई है, जिससे राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,143 तक पहुंच गई है। राज्य में फिलहाल सक्रिय मरीजों की संख्या 58,610 हो गई है।

  • 10:16 PM (IST) Posted by Jyoti Jaiswal

    यूपी में कोविड रिकवरी रेट पहुंचा 91.4 प्रतिशत, 7,336 नए मामले, 282 मौतें

    उत्तर प्रदेश में अब कोरोना का संक्रमण घटने लगा है। पिछले 24 घंटों में कोविड संक्रमण के 7,336 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 19,669 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है। इस दौरान 282 लोगों की मौत हो गई है। राज्य में कोरोना संक्रमण से रिकवरी की दर बढ़कर 91.4 प्रतिशत हो गई है। चौबीस घंटों के दौरान सबसे ज्यादा 29 लोगों की मौत लखनऊ में हुई है। वहीं आगरा और एटा में 14-14 लोगों की मौत हो गई है। इसी प्रकार गाजीपुर और मेरठ में 13-13, गाजियाबाद में 12, बस्ती, आजमगढ़ व सहारनपुर में 9-9 लोगों की मृत्यु हुई है। लखनऊ 493, गौतम बुद्ध नगर 355, सहारनपुर 344, मेरठ 342, गोरखपुर 309, गाजियाबाद 307, बुलंदशहर 291, वाराणसी 240, मुजफ्फरनगर 201 केस मिले हैं।

    अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में बीते 24 घंटे में करीब तीन लाख लोगों का कोरोना टेस्ट कर नया रिकार्ड बनाया गया। जो 2,99,327 सैंपल लिए गए, उनमें 1.18 लाख की आरटीपीसीआर जांच हुई। अभी तक प्रदेश में कुल 4.55 करोड़ लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है। कोरोना जांच के मामले में यूपी शुरुआत से ही देश में अव्वल रहा है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 3.20 करोड़ टेस्ट अब तक किए गए हैं और तीसरे नंबर पर कर्नाटक में 2.80 लोगों की कोरोना जांच की गई है।

    प्रदेश में कोरोना संक्रमण से रिकवरी की दर बढ़कर 91.4 प्रतिशत हो गई है। नए संक्रमित मरीजों की संख्या में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। अभी तक राज्य में कुल 18,352 लोगों की जान यह वायरस ले चुका है। इस वक्त राज्य में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 1,23,579 है। अब तक कुल 15,02,918 लोग ठीक हो चुके हैं।

    अगर बीते 30 अप्रैल से तुलना की जाए तो अब संक्रमण धीरे-धीरे काबू में आ रहा है। उस समय कोरोना के 12,52,324 रोगी थे और उसमें से 9,28,971 ठीक हो चुके थे। यानी तब रिकवरी रेट 74.1 फीसद था। ऐसे में रिकवरी रेट में 17 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी मई में हुई है। यही नहीं, एक्टिव केस भी 69 प्रतिशत कम हुए हैं। 30 अप्रैल को 3.10 लाख एक्टिव केस थे और अब यह घटकर 1.23 लाख रह गए हैं।

    प्रदेश में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट भी तेजी से कम हो रहा है। 30 अप्रैल को यह 14.1 प्रतिशत था और अब यह सिर्फ 2.45 फीसद रह गया है। बुधवार को प्रदेश में चार जिलों में 10 से कम कोरोना रोगी मिले। इसमें कानपुर देहात में आठ, महोबा में छह, कासगंज में सात और कौशांबी में सिर्फ दो मरीज मिले। वहीं 48 जिले ऐसे रहे जहां 100 से कम मरीज मिले हैं।

    अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में बीते 24 घंटे में करीब तीन लाख लोगों का कोरोना टेस्ट कर नया रिकार्ड बनाया गया। जो 2,99,327 सैंपल लिए गए, उनमें 1.18 लाख की आरटीपीसीआर जांच हुई। अभी तक प्रदेश में कुल 4.55 करोड़ लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है।

    कोरोना जांच के मामले में यूपी शुरुआत से ही देश में अव्वल रहा है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 3.20 करोड़ टेस्ट अब तक किए गए हैं और तीसरे नंबर पर कर्नाटक में 2.80 लोगों की कोरोना जांच की गई है।

  • 9:05 PM (IST) Posted by Jyoti Jaiswal

    राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जून के अंत तक उपलब्ध होगी 4.87 करोड़ वैक्सीन खुराक

    जून के अंत तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा सीधी खरीद के लिए कोविड टीकों की कुल 4,87,55,000 खुराकें उपलब्ध होंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन निमार्ताओं से प्राप्त इनपुट के आधार पर जानकारी साझा की। कोविड टीकाकरण अभियान के सफल कार्यान्वयन के लिए उपलब्ध खुराक का कुशल और विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के लिए, मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड 19 टीकों के प्रशासन के लिए एक जिला अनुसार कोविड टीकाकरण केंद्र (सीवीसी) तैयार करने की सलाह दी है।

    जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए ऐसी सूचनाओं के प्रसार के लिए कई मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने की भी सलाह दी गई है। राज्य सरकारों और निजी सीवीसी दोनों को अपने टीकाकरण कैलेंडर को कोविन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पहले से प्रकाशित करने के लिए कहा गया है, लेकिन एक दिन के टीकाकरण कैलेंडर को प्रकाशित करने से बचने की चेतावनी दी गई है।

    केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि सीवीसी में कोई भीड़भाड़ न हो और साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि कोविन पर अपॉइंटमेंट बुक करने की प्रक्रिया परेशानी से मुक्त हो।

    राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे अधिकारियों को निर्देश दें कि वे 15 जून तक कोविड वैक्सीन के प्रशासन के लिए एक अग्रिम योजना तैयार करें।

    देश में सबसे कमजोर जनसंख्या समूहों को कोविड से बचाने के लिए एक उपकरण के रूप में टीकाकरण अभ्यास की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है और उच्चतम स्तर पर निगरानी की जाती है।

    भारत का कोविड टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया के सबसे बड़े आयोजन में से एक है जो 16 जनवरी को शुरू हुआ था। त्वरित राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण रणनीति 1 मई से लागू की गई है, जिसमें 18 से 44 वर्षों से सभी को शामिल किया गया है।

    रणनीति के हिस्से के रूप में, हर महीने कुल केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) द्वारा स्वीकृत टीके की 50 प्रतिशत खुराक केंद्र सरकार द्वारा खरीदी जाएगी, और यह उन्हें राज्य सरकारों को मुफ्त में उपलब्ध कराना जारी रखेगी।

    इसके अलावा, सीडीएल द्वारा स्वीकृत टीके की शेष 50 प्रतिशत खुराक हर महीने राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों द्वारा सीधी खरीद के लिए उपलब्ध होगी।

    -आईएएनएस

  • 9:04 PM (IST) Posted by Jyoti Jaiswal

    बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए दिल्ली में विशेष टास्क फोर्स का इंतजाम

    दिल्ली में कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इसके मद्देनजर दिल्ली ने तैयारियां तेज कर दी हैं। बुधवार को दिल्ली सचिवालय में इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक की गई। अधिकारियों ने एक अनुमानित आंकलन के अनुसार बताया कि तीसरी लहर के दौरान करीब 40 हजार बेड्स की जरूरत पड़ सकती है। इसके लिए पहले से ही तैयार रहना होगा। इन 40 हजार बेड्स में से करीब 10 हजार आईसीयू बेड्स होने चाहिए। बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि तीसरी लहर के दौरान दिल्ली में अधिकतम कितने केस आने की संभावना है। उसके लिए कितने बेड की आवश्यकता पड़ेगी।

    कोरोना और टाइफाइड का जानलेवा अटैक, स्वामी रामदेव से जानिए पेट और लिवर को हेल्दी रखने का उपाय

    बैठक में निर्णय लिया गया कि संभावित तीसरी लहर को लेकर एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इस टास्क फोर्स में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।

    यह टास्क फोर्स बच्चों के उपर कोरोना का क्या असर होगा, उस प्रभाव को कैसे कम किया जा सकेगा और बच्चों को इससे कैसे बचाया जा सकेगा, समेत अन्य पहलुओं पर गौर करेगी और उसके मुताबिक उचित निर्णय लेगी।

    बैठक में ऑक्सीजन और दवाओं के प्रबंधन पर भी विस्तार से चर्चा हुई। जिसमें तय किया गया कि ऑक्सीजन और दवाओं का पहले से ही प्रबंध करना होगा। ऑक्सीजन की आपूर्ति और उसकी उपलब्धता को लेकर प्राथमिकता के आधार पर काम करना होगा।

    इस बात पर बल दिया गया कि किसी भी हालत में ऑक्सीजन की कालाबाजारी न होने पाए। कालाबाजारी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे, ताकि जरूरतमंद लोगों को आसानी से उपलब्ध हो सके। इस पर निगरानी रखने के लिए अधिकारियों की एक कमेटी बनाई जाएगी।

    सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर हम बड़े पैमाने पर बेड्स बढ़ाएंगे, तो उसके लिए हमें बड़े मात्रा में ऑक्सीजन की भी जरूरत पड़ेगी। इसके लिए भी हमें तैयार रहना होगा, ताकि एकाएक ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है, तो उसको पूरा किया जा सके।

    बैठक में निर्णय लिया गया कि इसके लिए दिल्ली सरकार पहले से ही ऑक्सीजन के टैंकर खरीद कर रखेगी और बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर भी खरीदे जाएंगे, ताकि अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाने में कोई समस्या न आए।

    सीएम ने यह भी निर्देश दिए कि विभिन्न अस्पतालों में जो ऑक्सीजन के प्लांट लगाए जा रहे हैं, उनको भी समय पर पूरा किया जाए और ऑक्सीजन के भंडारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए, ताकि अगर ऑक्सीजन की जरूरत पड़े, तो उस दौरान भगदड़ की स्थिति न पैदा हो।

    दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना की मौजूदा दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर के भी आने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि तीसरी लहर का प्रभाव बच्चों पर भी पड़ सकता है।

  • 9:03 PM (IST) Posted by Jyoti Jaiswal

    मास्क लगाकर किस करना कितना सुरक्षित, एक्सपर्ट्स से जानिए

    अक्सर सेलिब्रिटीज मास्क लगाकर एक दूसरे को करते नजर आते हैं,अक्सर फ्लाइट से पहले सेलेब्स मास्क लगाकर किस करके अलविदा कहते हैं। अभिनेता वरुण सूद ने केप टाउन के लिए रवाना होने से पहले अपनी प्रेमिका दिव्या अग्रवाल को मुंबई हवाई अड्डे पर मास्क पहने हुए किस किया। वहीं राहुल वैद्य ने भी दिशा परमार को किस किया था। सवाल उठता है, क्या यह सुरक्षित है? आइए देखें कि आंशिक रूप से टीकाकरण वाली दुनिया में विशेषज्ञों का इसके बारे में क्या कहना है।

    दिल्ली स्थित डॉ अनुभा सिंह, स्त्री रोग विशेषज्ञ और शांता फर्टिलिटी सेंटर की चिकित्सा निदेशक कहती हैं, "याद रखें, एक मुखौटा दूसरे व्यक्ति की रक्षा करता है। यह आपके श्वसन बूंदों के प्रसार को सीमित करता है। मास्क के लिए हकीकत में कोविड-19 होने के जोखिम को कम करने के लिए, दोनों लोगों को मास्क पहनना चाहिए। एक पारस्परिक मास्किंग लेकिन यह एक रणनीति नहीं है जो सभी के लिए काम करेगी।''

    डॉ.सिंह ने आगे कहा, "मास्क कंडोम की तरह हैं जब तक आप सही ढंग से पहनना नहीं जान पाते । और हां, ये 100 प्रतिशत सुरक्षित नहीं हैं । इसलिए किस करते समय बहुत बहुत सावधान रहना होगा।"

    सार्वजनिक तौर पर किस करने पर अगर एक इंसान मास्क नहीं लगाए होगा तो कोविड-19 का खतरा बढ़ जाएगा।

    मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की मेडिकल डायरेक्टर और आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. शोभा गुप्ता ने समझाया, "यह बहुत खतरनाक है क्योंकि मास्क की बाहरी सतह पर अन्य लोगों का सबसे अधिक वायरस होता है। मास्क के साथ निकट संपर्क जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए, मैं आमने-सामने संपर्क या निकटता से बचने की सलाह दूंगी।"

    अगर दो नकाबपोश लोग एक-दूसरे को किस करें तो किस तरह की समस्या पैदा होती है? उन्होंने जवाब दिया कि "यह अभी एक संदिग्ध बात है, तुम्हारी नाक पर अपनी सुरक्षा के लिए रखी परत इतनी अच्छी नहीं हो सकती है, क्योंकि वायरस आसानी से एरोसोल से फैलता है। ऐसे में बहुत ही सावधान रहना चाहिए और सार्वजनिक रूप से मास्क लगाकर किस करने से बचना चाहिए।"

  • 9:02 PM (IST) Posted by Jyoti Jaiswal

    आयुष कवच एप पर जुड़ेगा बच्चों की सेहत से जुड़ा फीचर, अस्पतालों में होगा हेल्पडेस्क

    कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए योगी सरकार ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। विशेषज्ञ तीसरी लहर में बच्चों के लिए खतरनाक बता रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों में अभी से बच्चों के इलाज से जुड़ी तैयारियां शुरू हो गई है। वहीं, आयुष विभाग ने भी कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। आयुष विभाग अपने सभी अस्पतालों में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर एक हेल्प डेस्क बनाने जा रहा है। साथ ही आयुष कवच एप पर बच्चों की सेहत से जुड़ा एक नया फीचर भी जोड़ने जा रहा है।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुष विशेषज्ञों से आयुर्वेद की पुरानी परम्पराओं से कोरोना संक्रामित लोगों के इलाज की बात कही थी। इसके बाद से आयुष विभाग लगातार होमआइसोलेटेड मरीजों को आयुर्वेदिक दवाएं, काढ़ा आदि वितरित करा रहा है। अब आयुष विभाग ने संभावित कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी शुरू कर दी है।

    आयुष विभाग के प्रभारी अधिकारी डॉ अशोक कुमार दीक्षित के मुताबिक कोरोना काल में आयुष कवच मोबाइल एप लोगों में काफी लोकप्रिय हुआ है। ढाई लाख से अधिक लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

    उन्होंने बताया कि आयुष कवच एप पर जल्दी बच्चों की सेहत से जुड़ा एक फीचर जोड़ने की तैयारी चल रही है। इसमें बच्चों की सेहत का मौसम के हिसाब से कैसे ख्याल रखें, किस तरह से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमताओं को बढ़ाया जाए, कौन सी घरेलू औषधि के जरिए उनकी सेहत बेहतर बनाएं, इसकी जानकारी लोगों को दी जाएगी।

    अस्पतालों में बनेगी बच्चों के लिए हेल्प डेस्क

    डॉ अशोक बताते हैं कि प्रदेश में आयुष विभाग के करीब 2104 चिकित्सालय हैं। इनमें से लखनऊ, बनारस, पीलीभीत समेत अन्य जिलों में 8 बड़े अस्पताल हैं। इन सभी अस्पतालों में बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी एक हेल्पडेस्क बनाई जाएगी। जहां पर आयुष डॉक्टर लोगों को बच्चों की सेहत और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाई जाए इसकी जानकारी देंगे। इसके अलावा यहां से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं का वितरण भी किया जाएगा। अस्पतालों में ओपीडी खुलने पर बच्चों का इलाज भी यहां शुरू किया जाएगा।

    इनपुट-आईएएनएस

  • 9:02 PM (IST) Posted by Jyoti Jaiswal

    म्यूकोर्मिकोसिस संक्रमण के इलाज की सुविधा से लैस हैं नये एम्स

     प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत स्थापित हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में म्यूकोर्मिकोसिस संक्रमण के इलाज की भी सुविधा है। रायपुर, जोधपुर, पटना, ऋषिकेश, भुवनेश्वर और भोपाल एम्स में इस दुर्भल संक्रमण के मरीजों का इलाज हो रहा है। इस योजना के तहत अब तक खुले 22 नए एम्स में से भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में छह एम्स पहले से ही पूरी तरह से काम कर रहे हैं। अन्य सात एम्स में ओपीडी की सुविधा और एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू हो गई हैं जबकि पांच अन्य संस्थानों में केवल एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू हुई हैं। पीएमएसएसवाई योजना के तहत स्थापित किए गए या स्थापित किए जा रहे इन क्षेत्रीय एम्स ने पिछले साल की शुरूआत में महामारी की शुरूआत से ही कोविड के प्रबंधन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उनका योगदान इस लिहाज से महत्वपूर्ण हो जाता है कि वे उन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं जहां स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा कमजोर था।

    इन संस्थानों ने मध्यम और गंभीर रूप से बीमार कोविड मरीजों के इलाज के लिए बिस्तर क्षमता का विस्तार करके कोविड-19 की दूसरी लहर की चुनौती का भी जवाब दिया है। अप्रैल 2021 के दूसरे सप्ताह से, इन संस्थानों में 1,300 से अधिक ऑक्सीजन बेड और कोविड के इलाज के लिए समर्पित लगभग 530 आईसीयू बेड जोड़े गए हैं और लोगों के लिए उपलब्ध ऑक्सीजन और आईसीयूबेड की वर्तमान उपलब्धता क्रमश: लगभग 1,900 और 900 है। बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, अप्रैल-मई, 2021 के दौरान रायबरेली और गोरखपुर के एम्स में कोविड के इलाज की सुविधाएं शुरू कर दी गयीं, जिससे उत्तर प्रदेश राज्य को फतेहपुर, बाराबंकी, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर, बस्ती, संत कबीर नगर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बलिया, मऊ और आजमगढ़ जैसे दूरदराज के जिलों के मरीजों की सक्रिय रूप से सेवा करने में मदद मिली है।

    कोविड मरीजों की देखभाल के लिए इन नए एम्स की क्षमताओं को भारत सरकार वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर जैसे अतिरिक्त उपकरणों के अलावा अन्य उपभोग्य सामग्रियों जैसे एन-95 मास्क, पीपीई किट और फेविपिराविर, रेमडेसिविर एवंटोसिलिजुमाब सहित आवश्यक दवाओं के आवंटन के माध्यम से मजबूत कर रही है।

    नए क्षेत्रीय एम्स ने कोविड मरीजों को अन्य महत्वपूर्ण गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान कीं, जैसे कि डायलिसिस की आवश्यकता वाले या गंभीर हृदय रोग वाले मरीज, गर्भवती महिलाएं, बाल रोग मरीज।

    अकेले एम्स रायपुर ने मार्च 2021 से 17 मई, 2021 तक कुल 9664 कोविड मरीजों का इलाज किया है। संस्थान ने कोविड-19 से पीड़ित 362 महिलाओं की देखभाल की, उनमें से 223 की सुरक्षित प्रसव कराने में मदद की है। कोविड से पीड़ित 402बच्चों को बाल चिकित्सा देखभाल प्रदान की गयी। गंभीर हृदय रोगों वाले 898 कोविड मरीजों ने इलाज का लाभ उठाया, जबकि 272 रोगियों को उनके डायलिसिस सत्र में सहायता प्रदान की गयी।

    देश में इस समय विभिन्न राज्यों में म्यूकोर्मिकोसिस के मामले सामने आ रहे हैं। यह स्थिति आमतौर पर कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों और मधुमेह से पीड़ित लोगों में देखी जाती है। इस दुर्लभ संक्रमण का इलाज बेहद जटिल है। हालांकि, इस बीमारी के लिए भी, रायपुर, जोधपुर, पटना, ऋषिकेश, भुवनेश्वर और भोपाल में एम्स द्वारा प्रभावी और उच्च गुणवत्ता वाला इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है, इसके अलावा कुछ अन्य एम्स में भी ऐसा किया जा रहा है जहां अब तक पूरी तरह से काम शुरू नहीं हुआ है।

  • 12:50 PM (IST) Posted by Shivanisingh

    यूपी में मासूमों को कोरोना से बचाने की मुकम्मल तैयारी

    कोरोना की संभावित तीसरी लहर के प्रति विशेषज्ञ बच्चों को अधिक संवेदनशील बता रहे हैं। इन आशंकाओं को देखते हुए यूपी सरकार ने इससे निपटने के लिए पहले ही अपनी तैयरियां युद्ध स्तर पर शुरू कर दी हैं।

    दरअसल इसमें योगी आदित्यनाथ ने 1998 से लेकर मार्च 2017 में मुख्यमंत्री बनने के पहले तक पूर्वांचल के मासूमों के लिए कॉल बनी इंसेफेलाइटिस के नियंत्रण के लिए सड़क से लेकर संसद तक जो संघर्ष किया वो काम आ रहा है। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) तक इंसेफेलाइटिस को केंद्र में रखकर स्वास्थ्य सुविधाओं की बुनियादी संरचना को मजबूत किया। तीन दर्जन से अधिक संवेदनशील जिलों में रोकथाम को लेकर सफाई और स्वच्छता को लेकर जागरूकता अभियान चलाया उससे इंसेफेलाइटिस तकरीबन खत्म होने के कगार पर है। इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के ये अनुभव कोराना से बच्चों को बचाने में मददगार बनेंगे।

    ग्रासरूट पर इंसीफेलाइटिस से बच्चों को बचाने के लिए जो पीकू (पीडियाट्रिक्स इंटेंसिव केयर यूनिट) तैयार किए गए थे, जरूरत पर उसका उपयोग कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को महफूज रखने में किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में बच्चों के लिए 100- 100 बेड का आईसीयू तैयार रखने का निर्देश दिया है। इसी क्रम में अभी पिछले दिनों मुख्यमंत्री हर मंडल मुख्यालय पर 100-100 बेड का और जिला अस्पतालों में 25-25 बिस्तरों की क्षमता का बच्चों के लिए आईसीयू बनाने का निर्देश दे चुके हैं। साथ ही इसके लिए तय समय में जरूरी और दक्ष मानव संसाधन का बंदोबस्त करने का भी निर्देश दे चुके हैं। इंसेफेलाइटिस से मासूमों को बचाने के करीब चार दशक लंबे अनुभव के मद्देनजर बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिर्विसिटी के डॉक्टर इसके लिए बाकी चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग देंगे।

    आईएएनएस

  • 12:49 PM (IST) Posted by Shivanisingh

    तमिलनाडु में गुरुवार से 18 साल और उससे अधिक के लिए टीकाकरण शुरू

    तमिलनाडु में 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान गुरुवार से शुरू होगा। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम के अनुसार, टीकाकरण अभियान में ऑटो रिक्शा चालकों को वरीयता दी जाएगी। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन गुरुवार को अभियान की शुरूआत करेंगे।

    एक विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य को केंद्र से टीके की 78 लाख खुराकें मिल चुकी हैं और 69 लाख खुराक पहले ही दी जा चुकी हैं।

    तमिलनाडु सरकार पहले ही एक वैश्विक निविदा के माध्यम से 3.5 करोड़ खुराक का आदेश दे चुकी है और वर्तमान स्टॉक के खत्म होने से पहले आपूर्ति प्राप्त हो जाएगी।

    मा सुब्रमण्यम ने कहा '' तमिलनाडु सरकार ने मुख्यमंत्री स्टालिन के निदेशरें के तहत जिस वैक्सीन का आदेश दिया है। वह लोगों को बड़े पैमाने पर टीकाकरण प्रदान करने में मदद करेगी और एक बार राज्य में 5 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो जाने के बाद, बीमारी का प्रसार कम होगा। ''

    वह आगे कहते हैं, '' मैं तमिलनाडु के लोगों से टीकाकरण कराने की अपील करता हूं ताकि राज्य में इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके। एक व्यक्ति 400 लोगों तक इस बीमारी को फैला सकता है और इसलिए टीकाकरण समय की जरूरत है।''

    (आईएएनएस)

  • 10:44 AM (IST) Posted by Shivanisingh

     

    पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना मामले
    पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना की वजह से 4529 लोगों की मृत्यु हुई है। कोरोना के कारण किसी एक दिन में कभी भी इतनी तबाही नहीं हुई है जितनी पिछले 24 घंटों के दौरान देखने को मिली है। देश में कोरोना के नए केस कम हो रहे हैं, एक्टिव मामले भी लगातार घट रहे हैं और कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है इन सभी के साथ कोरोना से रोजाना होने वाली मौतों के आंकड़े ने चिंता बढ़ा दी है। अबतक यह वायरस देश में 2.83 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका हे जिसमें 1.20 लाख लोगों की जान अप्रैल और मई के दौरान ही गई है। 

    कोरोना वायरस के नए मामलों की बात करें तो पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 2.67 लाख नए केस दर्ज किए गए हैं, रोजाना आने वाले नए मामले अब लगातार 3 लाख से नीचे दर्ज किए जा रहे हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना मरीजों की पहचान के लिए देशभर में रिकॉर्ड 20.08 लाख कोरोना टेस्ट हुए हैं, यानि पिछले 24 घंटों का कोरोना पॉजिटिविटी रेट 13.31 प्रतिशत दर्ज किया गया है। पहले देश में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 20-25 प्रतिशत के बीच पहुंच गया था। 

  • 7:15 AM (IST) Posted by Shivanisingh

    स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन

    स्वास्थ्य मंत्रालय ने हल्के और बिना लक्षणों वाले कोरोना मरीजों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि घर पर रहकर इलाज कराने वालों को बिना डॉक्टर की रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने या लगाने की कोई जरूरत नहीं है। यह इंजेक्शन सिर्फ अस्पतालों में लगाया जाएगा। नई गाइडलाइन के मुताबिक मरीजों को दिन में दो बार गर्म पानी से गरारे करने हैं और भाप भी लेनी है। इसके साथ ही डॉक्टर के संपर्क में रहने के साथ दवाओं का समय पर सेवन करना होगा।