Coronavirus Live: क्या हर 6 महीने बाद लेने होंगे कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज? नीति आयोग के डॉक्टर से जानें जवाब
मई माह में भारत में कोरोना वायरस के 90 लाख से अधिक मामले और करीब 1.2 लाख मौतें हुई। जो महामारी की शुरुआत के बाद से किसी भी देश में दर्ज की गई सबसे अधिक मासिक संख्या है।
कोरोना संक्रमण के मामलों में बीते कुछ दिनों में कमी आई है। ऐसे में कई बार लोग कोविड गाइडलाइन्स को फॉलो करने के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। यही वजह है कि सरकार की ओर से लोगों को लगातार इसे लेकर सचेत किया जा रहा है, जिससे संक्रमण की चेन को तोड़ने में मदद मिल सके। साथ ही लोग हाथ धोना, मास्क पहनना न भूलें और खुद को वायरस की चपेट में आने से बचा सकें।
Live updates : Coronavirus Live
- June 01, 2021 10:39 PM (IST) Posted by Shipra Saxena
बच्चों में कोरोना संक्रमण के दो स्वरूप- डॉ. वी के पॉल
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयोजित हुई प्रेसवार्ता में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल ने बच्चों में होने वाले कोरोना संक्रमण को लेकर कई बातें कहीं। इन्होंने कहा कि बच्चों में होने वाले संक्रमण पर हमारी नज़र बनी हुई है और हम इसकी लगातार निगरानी कर रहे हैं। बच्चों में कोरोना संक्रमण दो स्वरूपों में होता है, पहले में वायरल संक्रमण का असर फेफड़ों पर होता है। दूसरे स्वरूप में ठीक होने के बाद वायरस प्रभाव में आता है, लेकिन लक्षण नज़र नहीं आते।
- June 01, 2021 8:55 PM (IST) Posted by Shipra Saxena
- June 01, 2021 5:56 PM (IST) Posted by Shipra Saxena
भारत में कोविशील्ड का शिड्यूल 2 डोज का है,इसमें कोई बदलाव नहीं- डॉ वी के पॉल
डॉ वी के पॉल,सदस्य (स्वास्थ्य) नीति आयोग ने कहा कि कोविशील्ड के टीकाकरण शिड्यूल में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है व 12 हफ्ते के बाद दूसरी डोज लेना जरूरी है।
- June 01, 2021 4:37 PM (IST) Posted by Shipra Saxena
बच्चों के लिए हमारी तैयारी है- नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कोरोना वायरस से संबंधित बच्चों को लेकर कुछ जानकारियां साझा की है। जानिए डॉ. वीके पॉल ने बच्चों में कोरोना संक्रमित होने के क्या लक्षण बताए हैं..
- बच्चों के लिए हमारी तैयारी है।
- बच्चों में जब कोविड आता है तो बुखार,खांसी ,जुखाम,निमोनिया होता है।
- कोविड के दो से 6 हफ्ते बाद कुछ बच्चों में दोबारा फीवर आता है
- बॉडी पर रैश आता है
- डायरिया,वोमेटिंग हो सकती है
- कोविशिल्ड का शिड्यूल दो डोज का है। इसमें कोई बदलाव नहीं है।
- कोवैक्सीन की भी। गलतफहमी पैदा नहीं करनी चाहिए
- June 01, 2021 4:33 PM (IST) Posted by Shipra Saxena
टेस्टिंग और कंटेनमेंट की वजह से मामले कम- ICMR के प्रमुख डॉक्टर बलराम भार्गव
ICMR के प्रमुख डॉक्टर बलराम भार्गव ने भी प्रेसवार्ता में कोरोना वायरस को लेकर बड़ी बातें बताई। पढ़िए डॉक्टर बलराम भार्गव ने क्या कहा..
- टेस्टिंग और कंटेनमेंट की वजह से मामले कम
- 350 ज़िले में 5 % से कम पॉजिटिविटी
- दिसंबर तक सभी लोगों का टीका लग जाएगा
- जुलाई तक रोजाना 1 करोड़ लोगों को टीका लगने लगेगा
- June 01, 2021 4:30 PM (IST) Posted by Shipra Saxena
30 राज्यों में एक्टिव केस में हफ्ते भर से गिरावट- लव अग्रवाल
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहे देश में महामारी की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक प्रेसवार्ता की। इस दौरान मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि 70% डेली केस में कमी आयी है। जानिए प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने और क्या कहा..
- 7 मई को 4 लाख 14 केस
- अब घटते घटते आज काफी केस कम हुए जब 1 लाख 27 हजार केस आए।
- 70% डेली केस में कमी आयी है
- 43 दिनों से एक्टिव केस में गिरावट हो रही है
- 30 राज्यों में एक्टिव केस में हफ्ते भर से गिरावट
- 55 दिनों में पॉजिटिव ट्रेंड देखने को मिल रहा है
- पॉजिटिविटी एक वक्त 21.38% हो चुका था अब 6.62% हो गई है
- 7 दिनों से 10% से कम
- June 01, 2021 1:52 PM (IST) Posted by Shivanisingh
क्या मुर्गी से फैलता है ब्लैक फंगस, जानिए सच्चाई
सोशल मीडिया में एक मैसेज काफी वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि मुर्गियों से ब्लैक फंगस फैल रहा है।
- June 01, 2021 1:44 PM (IST) Posted by Shivanisingh
- June 01, 2021 1:41 PM (IST) Posted by Shivanisingh
सोशल मीडिया पर कोरोना के टीके के विषय में एक फ्रांसीसी नोबेल पुरस्कार विजेता के हवाले से एक दावे को शेयर किया जा रहा है। पोस्ट में किया गया दावा फर्जी है। वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है
- June 01, 2021 10:50 AM (IST) Posted by Shivanisingh
क्या हर 6 महीने बाद लेने होंगे कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज? नीति आयोग के डॉक्टर से जानें जवाब
कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से कम करने के लिए वैक्सीन देने का काम जोरों से चल रहा है। इसी बाच कोरोना बूस्टर डोज की चर्चा तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। दरअसल अमेरिका के महामारी एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फाउची का कहना है कि कोविड की वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को बूस्टर शॉट की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा की अवधि अनंत होने वाली है। ऐसा नहीं होगा। फिलहाल हम ये पता लगा की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि बूस्टर शॉट वैक्सीन लगवाने के कितने वक्त बाद दिया जाना चाहिए।
इस बारे में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वीके पॉल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'अगर बूस्टर डोज की जरूरत होगी तो उसकी जानकारी लोगों को दी जाएगी। इस वैक्सीनेशन अभियान में हम हर किसी को इस महामारी से सुरक्षित करना चाहते हैं।
वहीं बूस्टर डोज को लेकर डॉक्टर पॉल ने कहा कि इसको लेकर शोध जारी है। कोवैक्सीन का ट्रायल चल रहा है कि 6 महीने के बाद बूस्टर डोज लेने की जरूरत है या नहीं। हर कोई बस गाइडलाइन का पालन करें और वैक्सीन की दोनों डोज लगवाएं। इसके साथ ही कोविड संबंधी हर नियमों का पालन करे। जिससे कि आप खुद को सुरक्षित रख सके। लेकिन फिर भी सावधान रहें क्योंकि ये सुरक्षा पूरी तरह से 100 फीसद नहीं है। - June 01, 2021 10:06 AM (IST) Posted by Shivanisingh
Coronavirus Live:देश में 24 घंटे में 1.27 लाख नए मामले, रिकवरी रेट 92% ऊपर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के 127510 नए मामले सामने आए हैं। 15-20 दिन पहले रोजाना मामलों का आंकड़ा 4 लाख के ऊपर पहुंच गया था। लेकिन अब काफी हद तक केस कम हुए हैं और साथ में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में 2.59 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से ठीक हुए हैं और अब देश में एक्टिव केस 20 लाख से नीचे आकर 1895520 बचे हैं।
- June 01, 2021 9:46 AM (IST) Posted by Shivanisingh
कोरोना से बचाव के लिए ऐसे पहने मास्क
कोरोना से बचाव के लिए जरूरी है कि आप सोशल डिस्टेसिंग के साथ मास्क पहने। मास्क पहनना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी इसे ठीक ढंग से पहनना।
- June 01, 2021 9:43 AM (IST) Posted by Shivanisingh
देश में कोरोना वैक्सीन की 21.58 करोड़ खुराक लगायी गयीं: स्वास्थ्य मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि देश में अब तक कोविड-19 टीके की 21.58 करोड़ से अधिक खुराक लगायी जा चुकी हैं। इसने बताया कि सोमवार को 18-44 साल आयु वर्ग के 12,23,596 लोगों को टीके की पहली खुराक दी गयी जबकि 13,402 को दूसरी खुराक लगायी गयी। मंत्रालय ने बताया कि देश में टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत से अब तक 2,02,10,889 लोगों ने कोविड-19 टीके की पहली खुराक और 23,491 लोगों ने दूसरी खुराक ले ली है।
इसने कहा कि बिहार, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 18-44 साल के 10 लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगा दी गयी है। मंत्रालय ने कहा कि आज शाम सात बजे तक की अंतिरम रिपोर्ट के अनुसार देश में अब तक कोविड की 21,58,18,547 खुराक लगायी जा चुकी हैं। इनमें 98,83,778 स्वास्थ्यकर्मियों को पहली खुराक , 67,87,633 स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरी खुराक, 1,56,67,311 अग्रिम मोर्चा कर्मियों को पहली खुराक और 85,21,965 अग्रिम मोर्चा कर्मियों को दूसरी खुराक लगायी गयी।
- June 01, 2021 7:47 AM (IST) Posted by Shivanisingh
कोविड के तनाव ने बढ़ाए आत्महत्या के विचार: अध्ययन
कोविड-19 महामारी ने न केवल शारीरिक स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित किया है। स्वानसी विश्वविद्यालय, कार्डिफ विश्वविद्यालय और वेल्स में एनएचएस के शोधकर्ताओं की एक टीम के नेतृत्व में, अध्ययन ने वास्तव में जांच की कि कौन से कोविड से संबंधित तनाव आत्मघाती विचारों और व्यवहारों को उकसाते हैं।सर्वेक्षण 12,000 से अधिक लोगों पर किया गया था, जिसमें स्वयंसेवकों से ब्रिटेन के पहले लॉकडाउन के दौरान अपने अनुभव साझा करने के लिए कहा गया था।
जर्नल आर्काइव्स ऑफ सुसाइड रिसर्च में प्रकाशित परिणाम बताते हैं कि सामाजिक अलगाव, घरेलू दुर्व्यवहार, रिश्ते की समस्याएं, अतिरेक और वित्तीय समस्याएं जैसे कई तनाव आत्मघाती विचारों और व्यवहारों से जुड़े थे।
हालांकि, इन मुद्दों को सहन करने वाले सभी लोगों ने आत्महत्या के विचार होने की सूचना नहीं दी। भविष्य के लिए आशा रखने वाले व्यक्ति इन दबावों से कम प्रभावित थे।
स्वानसी विश्वविद्यालय की प्रोफेसर निकोला ग्रे ने कहा, "हम इन निष्कर्षों का उपयोग यह लक्षित करने के लिए कर सकते हैं कि लोगों को आत्महत्या के विचारों की ओर ले जाने के मामले में कौन से तनाव सबसे घातक हैं। इनमें से कुछ को लॉकडाउन समाप्त होते ही कम किया जा सकता है और हम भविष्य में अच्छी जिंदगी जी सकते हैं।"
कार्डिफ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रॉबर्ट स्नोडेन ने कहा, "इनमें से कई तनावों से बचना मुश्किल है, इसलिए हमें अपने समुदायों में भविष्य के लिए आशा जगाने की जरूरत है ताकि लोगों को इन कठिन समय से गुजरने में मदद मिल सके।"
साथ ही अध्यनकर्ताओं ने यह भी कहा कि जिंदगी को लेकर आशा भरे सोच से हम इस नकारात्मक सोच से बाहर हो सकते हैं।