लॉकडाउन में गर्मी सताए तो AC चलाएं कि नहीं, जानें डॉक्टरों से ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब
वास्तव में एसी और कूलर चलाने से वायरस फैलने का खतरा अधिक है। कोरोना संकट के बीच लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। देश-विदेश के बड़े डॉक्टरों से जानें इन सवालों का जवाब।
लॉकडाउन के कारण लोग घरों में कैद है। ऐसे में गर्मी तेजी से बढ़ती जा रही है जिसके कारण लोग इससे निजात पाने के लिए एसी और कूलर का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया में सवाल वायरल हो रहा है कि एसी और कूलर चलाने से वायरस फैलने का खतरा अधिक है। देश-विदेश के बड़े डॉक्टरों से जानें इस सवाल का जवाब।
आपको बता दें कि एसी की कूलिंग के कारण घर का तापमान कम हो जाता है जिससे घर में नमी बढ़ जाती है। जिससे माना जा रहा है कि कोरोना वायरस का खतरा अधिक है।
डॉक्टर कौशल वर्मा का कहना है कि ज्यादा ठंड वाली जगहों पर कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या ज्यादा देखी गई है। जब हम घरों में एसी चलाते हैं तो हवा पूरे घर में घूमती रहती है। जिससे वायरस एक जगह से दूसरी जगह आसानी से जा सकते हैं। ऐसे में खिड़की वाली एसी या कूलर ज्यादा सुरक्षित है। लेकिन इसके बारे में और सही ढंग से बताना अभी मुश्किल है। कोरोना गर्मी में कैसे बिहेवियर करेगा यह समय के साथ पता चलेगा।
क्या शरीर में मरा हुआ कोरोना दोबारा हो सकता है जिंदा? डॉक्टरों से जानें हर सवाल का जवाब
डॉक्टर अमलेश सेठ के अनुसार कोरोना वायरस की जितनी भी स्टडी हुई है उनके अनुसार बताया गया है कि किस तरह की सरफेस में कितनी देर तक जीवित रहता है। ऐसे में यह एसी में ज्यादा देर तक जिंदा रह सकता है। क्योंकि एसी अधिक हवा फेंकती है और अगर उससे कोरोना वायरस फैलता है तो वातावरण में फैलने का अंदाजा लगा कतते है। इसलिए एसी का प्रयोग कम से कम करें। अभी लगातार कोरोना को लेलकर रिचर्स की जा रही हैं। अभी तक जितनी रिसर्च आई है उसके अनुसार इस बात को कहना थोड़ा मुश्किल है।
क्या हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की गोली स्वस्थ्य व्यक्ति लेनी चाहिए
इस सवाल को जवाब देते हुए डॉक्टर सुरेंद्र पुरोहित कहते हैं कि बिल्कुल भी नहीं। अभी तक कोई ऐसी स्टडी सामने नहीं आई है जो इस दवा के सेवन करने से कितना लाभ होता है इसके बारे में विस्तार से बताए। इस दवा का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह करने से साइड इफेक्ट भी हो सकते है। इसलिए जब तक पूरी तरह से रिसर्च न आ जाए तो इसे अपने मन से नहीं खाना चाहिए।
क्या प्लाज़्मा थेरेपी से कोरोना का इलाज संभव
इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि अभी तक जितनी रिसर्च आई है उसके अनुसार कहा जा सकता है कि हां यह संभव है। प्लाज़्मा थेरेपी में संक्रमित व्यक्ति के ठीक हो जाने के बाद उसके शरीर से एंटीबॉडी निकालकर दूसरे संक्रमित व्यक्ति के चढ़ाए जाते हैं। इस थेरेपी को लेकर लगातार रिचर्स की जा रही हैं।
क्या BCG के इंजेक्शन लेने से कोरोना का इंफेक्शन नहीं होगा?
डॉक्टर सेठ इस बारे में कहते हैं कि यह इंजेक्शन बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए दिया जाता है। इतना ही नहीं इससे ब्लड कैंसर को भी कम किया जा सकता है। भारत में इस इंजेक्शन को पहले ही लोगों को लगाया जा चुका है। ऐसे में हमें उम्मीद करनी चाहिए कि लोगों की इम्यूनिटी ठीक होगी। रही बात अलग से लगाने की तो अभी तक इसकी कोई रिसर्च सामने नहीं आई है।
पहले कोरोना का लक्षण नहीं...कुछ दिनों के बाद संक्रमण ..इसकी वजह क्या?
डॉक्टरों के अनुसार कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के संपर्क में आने या फिर क्षेत्र में आने से संक्रमित हो गया है। कई लोगों को इसके लक्षण तुरंत न आकर 7-10 दिन में नजर आते है।