Cold Water: ठंडा पानी इन बीमारियों को देता है दावत, अगर आप भी पीते हैं तो हो जाएं सावधान
Child Water In Winters: सर्दी हो या गर्मी...कुछ लोग हमेशा ठंडा पानी ही पीते हैं। अगर आपको भी ठंडा पानी पीने की आदत है तो सवाधान हो जाएं। ज्यादा ठंडा पानी सेहत को कई नुकसान पहुंचा सकता है। जानिए ठंडा पानी पीने के साइड-इफेक्ट्स।
गर्मी में ठंडा पानी पीना अच्छा लगता है, लेकिन कुछ लोग सर्दियों में भी ठंडा पानी पीते हैं। जो सेहत के लिए ठीक नहीं है। गर्मियों में फ्रिज खोलकर ठंडा पानी गटकने वालों के लिए सर्दी में नॉर्मल पानी ही काफी होता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ठंडा पानी पीने से शरीर में कई बीमारियां पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेद से लेकर डॉक्टर्स तक सभी डाठंडा पानी पीने से बचने की सलाह देते हैं। सर्दियों में कुछ लोग ठंडा पानी पीते हैं, आइसक्रीम खाते हैं और कोल्ड्रिंक्स पीते हैं। जिससे हार्ट अटैक जैसी गम्भीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है। जानते हैं ठंडा पानी पीने से क्या नुकसान होते हैं।
आयुर्वेद में ठंडा पानी
आयुर्वेद में ठंडी चीजों को ज्यादा अच्छा नहीं माना गया है। खासतौर से सर्दियों में ठंडा पानी पीने के लिए मना किया गयाहै। ठंडा पानी पीने से जठराग्नि धीमी हो जाती है। जिससे हाजमा पर असर पड़ता है। कई बार पेट में गैस, कॉन्स्टिपेशन और एसिडिटी की समस्या हो जाती है। वात और कफ दोष में ठंडा पानी मना है। सर्दियों में इससे खांसी, जुकाम, गले में दर्द और छाती में कफ की समस्या हो सकती है।
ज्यादा ठंडा पानी पीने से हो सकती हैं ये बीमारियां
- मोटापा बढ़ता है- अगर आप ज्यादा ठंडा पानी पीते हैं तो इससे शरीर में इकट्ठा फैट को पिघलने में समय लगता है। जिससे मोटापा तेजी से बढ़ने लगता है। अगर आप मोटापा कम करना चाहते हैं तो ठंडा पानी पीने से बचें। गर्म पानी से शरीर में जमा चर्बी कम होती है।
- हार्टबीट बदलने का खतरा- सर्दियों में चिल्ड वॉटर पीने से हार्टबीट बदलने का खतरा रहता है। इससे वेगस नर्वस को नुकसान होता है और नर्वस सिस्टम भी प्रभावित होता है। ठंडा पानी वेगस नर्व पर सीधा असर डालता है। जिससे हार्टबीट में बदलाव आने का खतरा बढ़ जाता है। इससे हार्ट से जुड़ी बीमारिया हो सकती हैं। कई बार हार्ट अटैक का भी खतरा बढ़ जाता है।
- इलेक्ट्रोलाइट्स बिगड़ जाता है- चिल्ड पानी पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस भी बिगड़ सकता है। इस स्थिति में शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या और कुपोषण की बीमारी हो सकती है।
- आलस और थकान- जो लोग ठंडा पानी पीते हैं उनका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। ऐसे लोगों को बहुत थकान, आलस और कमजोरी महसूस होती है। कई बार एनर्जी एकदम डाउन लगती है। सुस्ती छाई रहती है।
- पेट के संक्रमण- डाइजेस्टिव सिस्टम स्लो होने के कारण पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ठंडा पानी पीने से पेट टाइट हो जाता है। कई बार पेट में दर्द और गुड़गुड़ाहट की आवाज आना और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ये पेट की गम्भीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
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