अगर आपको भी देखने में आ रही हैं इस तरह की दिकक्तें तो हो सकता है 'मोतियाबिंद', जानें कारण और बचाव के उपाय
'मोतियाबिंद' आंखो से जुड़ी समस्या है जिसे अंग्रेजी में कैटरेक्ट कहा जाता है। आइए जानते हैं बीमारी के लक्षण, कराण और बचाव के उपाय।
आंखें, हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं। ये बहुत नाजुक होती हैं। यही वजह है कि इनका खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। उम्र बढ़ने के साथ ही लोगों को आंखों से जुड़ी तरह-तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं मे से एक है 'मोतियाबिंद' की बीमारी।
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क्या है मोतियाबिंद ?
यह आंख से जुड़ी एक आम बीमारी है, जिसमें आंखो में मौजूद लेन्स अपनी पारदर्शिता खोने लगते हैं। इस वजह से मरीज को सबकुछ धुंधला नजर आने लगता है। अगर, शुरुआत में ही इस बीमारी के लक्षणों पर ध्यान दिया जाए तो इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। ऐसे में चश्मे में बदलाव करके और कुछ दवाइयों के सहारे भी इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन, अगर समस्या ज्यादा बढ़ गई है तो इसे ठीक करने के लिए सर्जरी ही एकमात्र उपाय बचता है। आज के समय में तकनीति विकास के चलते 'मोतियाबिंद' का ऑपरेशन बेहद सरल हो गया है।
मोतियाबिंद के लक्षण
- आंखों से धुंधला दिखना
- रंगों का फीका दिखना,
- रोशनी के आस-पास एक धुंधला-सा गोला दिखाई देना
- दोहरी दृष्टि और रात के समय कुछ ठीक से नजर न आना
- चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस का नंबर बार-बार बदलना
- पीला रंख दिखना बंद हो जाना।
आपको खुद में मोतियाबिंद के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि वह कुछ मेडिकल जांच करके यह बता सकें कि आपको यह बीमारी है या नहीं।इसके लिए डॉक्टर आपको विजन टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। इससे आंखों के लेंस और रेटिना की स्थिति का पता लगाया जाता है।इसके अलावा डॉ़क्टर आपको टोनोमेट्री टेस्ट या फिर रेटिना से जुड़े कुछ टेस्ट कराने के निर्देश दे सकता है।
मोतियाबिंद से ऐसे करें अपना बचाव
- डाइट में विटामिन-A, विटामिन-C और विटामिन-E युक्त खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें।
- धूप में निकलते समय सनग्लास जरूर लगाएं।
- मोबाइल और टीवी जैसे उपकरणों से थोड़ी दूरी बनाने की कोशिश करें।
- समय-समय पर आंखों की जांच जरूर करवाएं।
- मधुमेह का ठीक से उपचार करवाएं ताकि यह मोतियाबिंद का कारण न बन सके।