सांस लेना जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा माना जाता है, क्योंकि जब तक सांसें चलती है बस तभी तक आपकी जिंदगी सही सलामत रहती है। जैसे ही सांसें रुकती हैं जिंदगी खत्म हो जाती है। सांस तो सभी लेते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आप किस तरह से सांस ले रहे हैं। ऑक्सीजन को फेफड़ों तक जाने के 2 वायु मार्ग होते हैं एक हमारा मुंह और दूसरी नाक। ज्यादातर लोग नाक से ही सांस लेते है, लेकिन कुछ लोग मुंह से भी सांस लेते है। ऐसा कई बार नाक बंद होने की वजह से भी होता है। लेकिन कुछ लोग रात में सोते वक्त मुंह से ही सांस लेते हैं। जो खतरनाक साबित हो सकता है। जी हां मुंह से सांस लेना सेहत के लिए कई से परेशानियां पैदा कर सकता है। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। आइये जानते हैं मुंह से सांस लेने से क्या परेशानी हो सकती है और ये सेहत के लिए क्यों है हानिकारक?
मुंह से सांस लेने के कारण
- स्लीप एपनिया
- नाक बंद होना
- बढ़े हुए टॉन्सिल
- नेज़ल पॉलीप्स
- तनाव और चिंता
- ब्रेन फ़ॉग
- ज्यादा थकान होना
मुंह से सांस लेना क्यों है खतरनाक
- जब आप मुंह से सांस लेते हैं तो हवा बिना फिल्टर हुए सीधे अंदर जाती है। ऐसे में ओवर ब्रीदिंग की शिकायत होने लगती है।
- मुंह से सांस लेने से खून में ऑक्सीजन और कार्बन-डाईऑक्साइड का बैलेंस बिगड़ जाता है। जिससे ब्लड का PH लेवल भी गड़बड़ होने लगता है।
- हमारे मुंह के पास किसी तरह का डिफेंस सिस्टम नहीं होता है। जबकि नाक से सांस लेने पर सर्दी खांसी और सांस की समस्याएं जल्दी ठीक होती हैं।
- वर्कआउट के वक्त अगर आप लगातार मुंह से सांस लेते हैं तो वजन घटाने में मुश्किल होगी। वहीं नाक से सांस लेने पर तेजी से मोटापा कम होता है।
नाक से सांस लेने से घटेगा वजन
सोते वक्त हमारा शरीर रिकवरी मोड पर चला जाता है। अगर आप नाक से सांस लेते हैं तो आपके शरीर का सिस्टम रेस्ट और डायजेस्ट मोड पर आसानी से आ जाता है। जब आपका डायजेशन अच्छा रहेगा और शरीर फिट रहेगा तो वजन तेजी से कम होगा। यही वजह है कि नाक से सांस लेने पर मोटापा कम होता है।
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