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Hindi News हेल्थ Brain Dead: राजू श्रीवास्तव हुए ‘ब्रेन डेड’ का शिकार, जानिए कब और किस स्टेज में होता है ऐसा?

Brain Dead: राजू श्रीवास्तव हुए ‘ब्रेन डेड’ का शिकार, जानिए कब और किस स्टेज में होता है ऐसा?

Brain Dead: कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव मौत से जंग लड़ रहे हैं। खबरे थीं कि राजू श्रीवास्तव ब्रेन डेड हो चुके हैं, लेकिन अब कहा जा रहा है कि उनकी स्थिति में सुधार आ रहा है। चलिए ऐसे में आपको बताते हैं ब्रेन डेड कब और क्यों होता है?

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Highlights

  • ब्रेन डेड की स्थिति में इंसान का दिमाग काम करना बंद कर देता है
  • ब्रेन डेड होने पर पीड़ित व्यक्ति के ब्रेन स्टेम डेड हो जाते है
  • इस कंडीशन में व्यक्ति को दर्द का अहसास भी नहीं होता

Brain Dead: मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव पिछले कई दिनों से अस्पताल में हैं और अभी भी उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। कहा जा रहा है उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। राजू श्रीवास्तव को लेकर ये खबर आई थी कि वो ब्रेन डेड हो चुके हैं। ऐसे में बहुत सारे लोग इसे कोमा की समझ रहे हैं, दरअसल कोमा और ब्रेन डेड में काफी अंतर है। ब्रेन डेड, कोमा जैसा बिल्कुल भी नहीं है। कोमा में व्यक्ति बेहोश होता है, लेकिन फिर भी जीवित रहता है। ब्रेन डेड तब होता है जब दिमाग काम करना बंद कर देता है। चलिए आपको बताते हैं आखिर क्या होता है ब्रेन डेड? 

कब होता है ब्रेन डेड?

ब्रेन डेड वह स्थिति है, जिसमें दिमाग काम करना बंद कर देता है। यह तब होता है जब इंसान को सिर पर कोई चोट लगी हो या मरीज ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी का शिकार हो चुका हो, इस स्थिति में मरीज को लाइफ सपोर्ट पर रख दिया जाता है। इस स्थिति में दिमाग में किसी तरह की कोई भी प्रतिक्रिया नहीं होती है। जब दिमाग में रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है, तब ब्रैंड डेड होता है। इस कंडीशन में दिमाग छोड़कर बाकी सभी अंग जैसे  हार्ट, लिवर, किडनी ठीक काम करते हैं। लेकिन इंसान सांस नहीं ले पाता, बोल नहीं पाता, हाथ पैर नहीं घुमा फिरा नहीं पाता। 

Image Source : freepikBrain Dead

ब्रेन डेड में दिमाग का ये हिस्सा होता है प्रभावित 

ब्रेन डेड होने पर पीड़ित व्यक्ति के ब्रेन स्टेम डेड हो जाते हैं। ब्रेन स्टेम, दिमाग के बीच का हिस्सा होता है। यहां से हमारे सभी अंगों को संकेत मिलते हैं। यहां से सभी शारीरिक क्रियाओं का संचालन होता है जैसे बोलना, पलकें झपकाना, चलना, हाव-भाव बदलना। इस स्थिति में मरीज को कितनी भी शारीरिक तकलीफ दे दो वो कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है। 

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इतने दिन जिंदा रहते हैं ब्रेन डेड के मरीज

ब्रेन डेड मरीज सांस भी नहीं ले पाता है। ऐसी स्थिति में मरीज को वेंटिलेटर पर ही रखा जाता है। इससे उसकी सांसें वेंटिलेटर से चलती रहती हैं। हालांकि शरीर के दूसरे अंग जैसे हार्ट, किडनी और लिवर सभी ठीक काम रहे होते हैं, लेकिन शरीर में कोई मूवमेंट नहीं होता है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे लोगों कितने दिन जीवित रह सकते हैं ये उनके ब्रेन डेड होने के कारण पर निर्भर करता है। हालांकि इस स्थिति में पहुंचने वाले मरीज बहुत ज्यादा दिनों तक जीवित नहीं रह पाते हैं। 

ब्रेन डेड के लक्षण

 

  1. - ब्रेन डेड के बाद वो इंसान रोशनी में भी वो काम नहीं कर सकता है।
  2. - विचार व्यक्त करने में कठिनाई होती है। 
  3. - दूसरों को समझने में दिक्कत होने लगती है। 
  4. - आंखों को छूने पर भी आंख बंद नहीं होती हैं। 
  5. - दिल से खून का स्राव बंद हो जाता है। 
  6. - दिमाग में खून जमा हो जाता है। 
  7. - शरीर के अंगों में खून के थक्के जमने लगते हैं।
  8. - इंसान कुछ सोच नहीं पाता और न ही किसी को पहचान पाता है। 

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें) 

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