कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है।महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। यह आंखों, दिमाग पर बुरा असर डालने के साथ-साथ लोगों की जान भी ले रहा है। लगातार बढ़ते मामलों के बीच एम्स ने गाइडलाइन जारी की है। जिसमें आप ब्लैक फंगस की पहचान और इसका इलाज कर सकते हैं।
इन मरीजों को ब्लैक फंगल का अधिक खतरा - कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीज तो ऑक्सीजन सपोर्ट में है।
- डायबिटीज के मरीज जो अधिक मात्रा में स्टेरॉयड और Tocilizumab की दवा का सेवन कर रहे हैं।
- कैंसर का इलाज करा रहे लोगों में ब्लैक फंगस का खतरा अधिक है।
- किसी अन्य पुरानी से पुरानी गंभीर बीमारी से ग्रसित है।
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ऐसे करें ब्लैक फंगस की पहचान - अगर किसी व्यक्ति के नाक से खूम बहना, काला से कुछ निकलना या फिर पपड़ी जमना
- चेहरे का सुन्न हो जाना
- दांतों का गिरना या फिर मुंह के अंदर सूजन
- मुंह खोलने में दिक्कत
- कुछ भी खाने के बाद चबाने में दिक्कत
- नाक का बंद होना
- सिर दर्द के साथ आंखों में दर्द
- आंखों का लाल होना
- आंखों की रोशनी कम हो जाना
- आंखों को खोलने बंद करने में समस्या
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लक्षण दिखें तो ऐसे करें बचाव - अगर आपको ब्लैक फंगस के कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो आर तुंरत ईएनटी के डॉक्टर से संपक करे।
- ब्लड शुगर की समस्या है तो रोजाना उसे टेक करे
- डॉक्टर की सलाह से सीटी स्कैन या फिर एमआईआर कराएं।
- स्टेरॉयड लेने से बचे। इसके साथ ही बिना डॉक्टर की सलाद के कोई भी दवा ना लें।
- अच्छी तरह से ट्रीटमेंट का ध्यान रखें। दवाओं को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही ना करे।
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