यूरिक एसिड और डायबिटीज कंट्रोल करने में इस हरी सब्जी का जूस है अमृत समान, जाने कैसे करें सेवन?
अगर आप भी यूरिक एसिड और डायबिटीज जैसे गंभीर बीमारियों के मरीज हैं तो अपनी डाइट में इस सब्जी का जूस शामिल करें।
देश दुनिया में इन दिनों ज़्यादातर लोग लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।खासकर डायबिटीज और यूरिक एसिड के मरीज पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़े हैं।मीठा और अनहेल्दी चीज़ें खाने की वजह से डायबिटीज बढ़ने लगता है जिससे हमारा शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है। वहीं यूरिक एसिड बॉडी में प्यूरिन की मात्रा ज़्यादा होने से बढ़ता है।बता दें, जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा ज़्यादा होती है तब किडनी इसे फ़िल्टर नहीं कर पाती है।जिस वजह से इसके क्रिस्टल्स जॉइंट्स में जमा होने लगते हैं।बॉडी के जॉइंट्स में दर्द होने लगता है और उठने बैठने में भी दिक्कत होने लगती है। यूरिक एसिड की वजह से से हार्ट डिजीज, हाइपरटेंशन, किडनी स्टोन और गठिया जैसी बीमारियां भी हो सकती है। इसलिए समय रहते इसे कंट्रोल करना बहुत ही जरूरी है। ऐसे में आप दवाइयों के साथ अपनी डाइट में करेले की सब्जी का जूस भी शामिल करें। करेले की सब्जी का जूस पीने से ये दोनों बीमारियां कंट्रोल में रहती हैं।चलिए आपको बताते हैं यह सब्जी यूरिक एसिड और डायबिटीज में कैसे फायदेमंद है?
यूरिक एसिड में फायदेमंद है करेले का सेवन
एक गिलास करेले के रस में यूरिक एसिड को प्राकृतिक रूप से कम करने में अद्भुत गुण पाए जाते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर करेले में आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन सी के साथ कैल्शियम, बीटा-कैरोटीन और पोटेशियम आदि अच्छी मात्रा में होते हैं। यह तत्व गाउट से लड़ने में मदद करते हैं।
डायबिटीज में भी है कारगर
करेले को भी डायबिटीज में बेहद फायदेमंद माना जाता है। स्वाद में कैसेले करेले में विटामिन ए, सी, वीटा-कैरोटीन और अन्य मिनरल्स और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिस वजह से ये इन्सुलिन की तरह काम करता है और बढ़ते हुए शुगर लेवल को मैनेज करता है।
ऐसे करें करेले का सेवन?
रोजाना सुबह आधा कप करेले का जूस खाली पेट पी सकते हैं। कड़वापन दूर करने के लिए थोड़ा सा काला नमक या नींबू डाल सकते हैं। इसे पीने से गाउट, गठिया में फायदा होता है। आप चाहे तो जूस के अलावा विभिन्न तरह की करेले की सब्जी बनाकर खा सकते हैं।