बिना ऑपरेशन हर्निया का 100% इलाज, योग से दूर होंगे इस बीमारी के साइड इफेक्ट्स
बिना ऑपरेशन हर्निया का 100% इलाज: योग के जरिए बिना सर्जरी के हर्निया को क्योर किया जा सकता है। स्वामी रामदेव ने आज योग के जरिए हर्निया को ठीक करने का सटीक उपाय बताया है।
बिना ऑपरेशन हर्निया का 100% इलाज: आपने अपना कंप्लीट बॉडी चेकअप कब करवाया था? अगर आप साल में एक बार अपने पूरे शरीर का चेकअप करवाते हैं तो ये बहुत अच्छी बात है। दरअसल, जो ह्यूमन बॉडी है, वो इतनी कॉम्प्लिकेटेड है कि बहुत सारी बीमारियों के लक्षण नज़र आने में बहुत सारा वक्त लग जाता है। और अगर वक्त-वक्त पर चेकअप ना हो तो परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है। एक ऐसी ही बीमारी है, जिसका नाम है हर्निया।
हर्निया क्या है? ये भी जान लीजिए। दरअसल, शरीर के अंदर कैविटी में इंटरनल ऑर्गन सेट होते हैं, जो फैट और स्किन की पतली चादर और मसल्स से ढके होते हैं। कई बार ज्यादा वजन उठाने से, जोर-जोर से खांसने से या लंबे वक्त तक कब्ज रहने से ये ऑर्गन अपनी जगह से हिल जाते हैं और अपनी कैविटी से बाहर निकल आते हैं। इसे ही हर्निया कहते हैं, जो बॉडी पर एक बबल के तौर पर दिखाई देते हैं।
हर्निया की वजह से चलने-फिरने में, झुकने में परेशानी आने लगती है। उसमें तेज तकलीफ होती है। दर्द होता है। हर्निया 10 साल के कम उम्र के बच्चों में और 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में ज्यादा होता है। भारत में नाभि का हर्निया, कमर और जांघों के ज्वॉइंट्स में हर्निया, पेट के निचले हिस्से में स्पोर्टल हर्निया, सर्जरी वाली जगह पर इनसिजनल हर्निया बहुत कॉमन है।
योग के जरिए बिना सर्जरी के हर्निया को क्योर किया जा सकता है। स्वामी रामदेव ने आज योग के जरिए हर्निया को ठीक करने का सटीक उपाय बताया है।
हर्निया के लक्षण:
चलने में परेशानी
झुकने में दर्द
पेट में सूजन
आंत का बाहर निकलना
हर्निया की वजह:
जोर से खांसना
वजन उठाना
हैवी एक्सरसाइज
प्रेग्नेंसी
मोटापा
कितनी तरह की हर्निया:
नाभि में अम्बिलिकल हर्निया
कमर-जांघ के ज्वॉइंट में इंग्युनल हर्निया
पेट के नीचे स्पोर्ट्स हर्निया
इनसिजनल हर्निया
योग से क्योर होगा हर्निया:
- सूक्ष्म व्यायाम
- नौकासन
- उत्तानपादासन
- हनुमानासन
- पवनमुक्तासन
- हलासन
- सर्वांगासन
- पादहस्तासन
- शवासन
- सूर्य नमस्कार
यौगिक जॉगिंग के फायदे:
ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करता है।
जांघ की मांसपेशियों को फायदा पहुंचाता है।
कोलोस्ट्रॉल कम करने में सहायक।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
डायजेशन बेहतर होता है।
शरीर से फैट कम करके लचीला बनाता है।
कमर दर्द में आराम मिलता है।
पादहस्तासन के फायदे:
अस्थमा की बीमारी में बहुत कारगर है।
फेफड़ों को स्वस्थ बनाता है।
सांस संबंधी दिक्कत दूर होती है।
पेट की चर्बी कम होती है।
डायजेशन ठीक होता है।
सर्वांगासन के फायदे:
हाथ-कंधों की मसल्स मजबूत बनती हैं।
बच्चों का कंसंट्रेशन बढ़ता है।
मेमोरी तेज होती है।
ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बेहतर होता है।
आंखों की रोशनी बढ़ती है।
इस आसन से चेहरे पर ग्लो आता है।
लिवर को एक्टिव बनाता है।
डायबिटीज कंट्रोल होती है।
पवनमुक्तासन के फायदे:
पेट के रोगों को दूर करता है।
ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है।
अस्थमा, साइनस में फायदेमंद।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।
पेट की चर्बी को दूर करता है।
कमर दर्द में आराम मिलता है।
उत्तानपादासन के फायदे:
पैरों की मसल्स मजबूत होती हैं।
पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं।
डायबिटीज कंट्रोल होती है।
एसिडिटी ठीक होती है।
कमर दर्द में आराम मिलता है।
हार्ट को मजबूत बनाता है।
वजन कम करने में मददगार है।
मर्कटासन के फायदे:
फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन है।
पीठ का दर्द दूर हो जाता है।
लिवर को स्ट्रॉन्ग बनाता है।
कमर के दर्द को ठीक करता है।
मंडूकासन के फायदे:
डायजेशन से जुड़े साइड इफेक्ट्स दूर करता है।
फैटी लिवर की समस्या दूर करता है।
ब्लड शुगर को कम करने में कारगर है।
लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।
पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है।
गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है।
शशकासन के फायदे:
माइग्रेन के रोग में फायदेमंद।
तनाव और चिंता दूर होती है।
क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर करता है।
मोटापा कम करने में मददगार है।
लिवर और किडनी के रोग दूर होते हैं।
योग मुद्रासन के फायदे:
डायबिटीज की परेशानी दूर होती है।
छोटी-बड़ी आंत सक्रिय होती है।
एलर्जी की परेशानी में बेहद कारगर है।
शुगर कंट्रोल होती है।
पेट की चर्बी खत्म होती है।
मोटापा कम करने में मददगार है।
रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है।
पाचन तंत्र बेहतर होता है।
वक्रासन के फायदे:
कमर की मसल्स मजबूत होती हैं।
पेट की कई समस्याओं में राहत।
डायबिटीज कंट्रोल होती है।
पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है।
गोमुखासन के फायदे:
सीने, कंधे की मसल्स में मजबूती आती है।
पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं।
रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
थकान, तनाव और चिंता दूर करता है।
कमर दर्द में फायदेमंद है।
फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
सूक्ष्म व्यायाम के फायदे:
शरीर में थकान नहीं होती है।
ऊर्जा और स्फूर्ति का संचार होता है।
बॉडी को एक्टिव रखता है।
शरीर में कई तरह के दर्द से राहत मिलती है।
ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करता है।
मसल्स को मजबूत बनाता है।
लिवर की बीमारियों से बचाता है।
हार्ट को मजबूत बनाता है।
शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है।
हर्निया में कारगर सेब का सिरका:
1 बड़ा चम्मच सेब का सिरका लें।
1 गिलास पानी में मिलाएं और पी लें।
हर्निया में कारगर काढ़ा:
अमरूद का पत्ता
आम का पत्ता
पुनर्नवा
भूमि आंवला
मकोय
आंवला
बहेड़ा
हरड़
अतिबला के फायदे:
कब्ज को खत्म करता है।
हर्निया में अतिबला फायदेमंद है।
हाइटस हर्निया में:
व्हीट ग्रास, एलोवेरा, लौकी का जूस पिएं।
हर्निया में फायदेमंद है जूस।
हर्निया में औषधि:
कांचनार गुग्गुल, वृद्धिवाधिका वटी
दो-दो गोली सुबह-रात में लें।
खाना खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ लें।
हर्निया में अजवाइन :
अजवाइन का रस 20 बूंद लें।
पुदीने का रस 20 बूंद लें।
पानी में मिलाकर पीने से फायदा।