कमज़ोर फेफड़े को मजबूत करने के लिए जानिए घरेलु नुस्खे, औषधियां, योगासन और आयुर्वेदिक काढ़ा
आजकल की दौड़भाड़ भरी जिंदगी में हम अपने ही शरीर का ख्याल रखना भूल जाते हैं। हर अंग की तरह लंग्स भी बॉडी का अहम हिस्सा है। इसे सेहतमंद बनाने के उपायों के बारे में जानिए।
कहा जाता है कि अगर आपके सांस लेने में किसी भी तरह की समस्या नहीं होती है, यानि चलने में सांस नहीं फूलती है तो समझ लें कि आपके लंग्स मजबूत है और आप कई बीमारियों के हमले झेल सकते हैं। लेकिन इसके बाद भी लोग बेपरवाह हैं। हवा में प्रदूषण के साथ -साथ स्मोकिंग की बुरी आदत, किसी ना किसी तरह की एलर्जी, रेस्पिरेटरी डिजीज़ सब मिलकर सांसों संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसलिए लंग्स का ख्याल रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि शरीर को चलाने के लिए ऑक्सीजन की जरुरत होती है और लंग्स का काम शरीर में ब्लड के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई करना है।
इस स्पेशल स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन-किन तरीकों से आप अपने लंग्स को स्वस्थ रख सकते हैं। इनमें योगासन, प्राणायाम, घरेलु नुस्खे, औषधियां, क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, काढ़ा व इसके अलावा भी बहुत कुछ जानिए।
लंग्स को मजबूत बनाने के लिए करें ये काम:
- कच्ची हल्दी को दूध में पकाएं
- हल्दी दूध में शिलाजीत मिलाएं
- रोजना हल्दी दूध पीना फायदेमंद
- रोजाना च्यवनप्राश का सेवन करे
- पुदीना, तुलसी की पत्तियों की चाय पिएं।
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आयुर्वेदिक काढ़ा बनाने के लिए सामग्री:
- अदरक
- कच्ची हल्दी
- दालचीनी
- मुलेठी
- अश्वगंधा
- गिलोय
- तुलसी
- काली मिर्च
- शीलाजीत
- श्वासारि
ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक काढ़ा:
इस सभी चीजों को इमामदस्ता में डालकर अच्छी तरह से कूट लें। इसके बाद आधा लीटर पानी में डालकर धीमी आंच में पकने दें। जब पानी एक चौथाई बच जाए तो इसे छान लें। इस आयुर्वेदिक काढ़ा को हल्का गुनगुना या फिर ठंडा करके पी सकते हैं।
फेफड़ों को तंदुरस्त रखने के लिए खाएं ये चीजें:
हल्दी- इसमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं जो आपको हर तरह के संक्रमण से बचाते हैं। रोजाना सोने से पहले दूध में हल्दी डालकर इसका सेवन करें। इसके अलावा खाने में हल्दी का इस्तेमाल अधिक करें। इससे आपको सीने की जकड़न की समस्या से भी लाभ मिलेगा।
शहद- ये औषधि का भंडार माना जाता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जिसका सेवन करने से आपके फेफड़े मजबूत होते हैं। इसके अलावा फेफड़ों से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने के लिए सुबह गर्म नींबू पानी में शहद डालकर पिएं।
टमाटर- इसमें लाइकोपीन होता है जो एक कैरोटीनॉयड एंटी ऑक्सीडेंट है। यह आपके लंग्स को हेल्दी रखने में मदद करता है। कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी हैं कि जिन लोगों को अस्थमा की समस्या हैं वो टमाटर का सेवन करें। यह रोगियों के वायुमार्ग की सूजन को कम करने में मदद करता है।
हर्बल चाय- आप नींबू, अदरक, शहदल और दालचीनी की बनी हुई चाय का सेवन कर सकते हैं। इससे लंग्स काफी मजबूत होते हैं।
ग्रीन टी- इसका सेवन कर सकते हैं इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं जो लंग्स के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं।
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फेफड़ों को मजबूत रखने के लिए आयुर्वेदिक उपाय:
- दूध अकेले न पिएं। इससे आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ेगा। इसलिए इसमें आप च्यवनप्राशन, छोटी पिपली, केसर आदि डाल लें।
- सुबह-सुबह हल्दी का पानी के साथ सेवन करे। इससे लंग्स के क्लॉट कम हो जाएगा।
- श्वासिर खाली पेट 2-2 गोली खाएं।
- लक्ष्मी निवास और संजीवनी खाली पेट लें।
- श्वासारि, त्रिकुटा, शीतोपलादि तीनों को 20 ग्राम और 5 ग्राम अदरक का भस्म और 2-3 ग्राम स्वर्ण बसंत को अच्छा से मिलाकर दिन में 3 बार खिलाएं। इससे कफ, अस्थमा, निमोनिया, लंग्स फाइब्रोसिस की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। इसके साथ ही फेफड़ें भी हो जाएंगे मजबूत।
- फेफड़ों को मजबूत करने के साथ अस्थमा आदि से छुटकारा पाने के लिए मुलेठी, काली मिर्च, लौंग को सेंक कर, तुलसी के पत्ते, मिश्री, दालचीनी चबा लें।
ऐसा करने से होते हैं लंग्स इंफेक्शन:
1. फल के बाद पानी- यूं तो फल खाना सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन इसके लिए अगर सावधानी न बरती गई तो यह सेहत पर गलत असर डाल देता है। फल खाने के तुरंत बाद पानी पीने से लंग्स इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
2. पसीना और ठंडा पानी- ज्यादातर लोग गर्मी में पसीने से तर-बतर होते हैं और उस स्थिति में ठंडा पानी या कोल्ड ड्रिंक पी लेते हैं। ऐसा करने से फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है और लंग्स इंफेक्शन का खतरा बना रहता है।
3. बिना मास्क प्रदूषण में रहना- अगर आप बिना मास्क या मुंह ढके धुंए और प्रदूषण वाली जगहों पर ज्यादा समय तक रहते हैं, तो इस स्थिति में भी लंग्स इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
4. ICU वार्ड में बिना मास्क जाना- हॉस्पिटल के ICU वार्ड में बिना मास्क के जाने और ज्यादा समय तक वार्ड में रहने से भी लंग्स इंफेक्शन हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वार्ड में मौजूद बैक्टीरिया सीधे लंग्स पर अटैक करते है।
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फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए योगासन:
डीप ब्रिदिंग- कम से कम 25- 50 बार डीप ब्रिदिंग करना चाहिए। इससे फेफड़ों को लाभ मिलेगा।
यौगिक जॉगिंग- शरीर से फैट कम करने में मदद करता है। ब्लड शुगर को करे कंट्रोल। जांघ की मांसपेशियों को करे मजबूत। फेफड़ों को रखें हेल्दी। इम्यूनिटी बूस्ट करने में करे मदद।
सूर्य नमस्कार- 25 से 100 बार सूर्य नमस्कार जरूर करे। डिप्रेशन दूर करता है सूर्यनमस्कार। एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक। वजन बढ़ाने में मददगार योगासन। शरीर को डिटॉक्स करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पाचन तंत्र बेहतर होता है। शरीर को ऊर्जा मिलती है। फेफड़ों तक पहुंचती है ज्यादा ऑक्सीजन।
उष्ट्रासन- यह फेफड़ों को हेल्दी रखेगा। टखने को दर्द करे। पाचन प्रणाली को रखे ठीक। तनाव और चिंता को करे कम।
मकरासन- कमर दर्द में लाभकारी। अस्थमा में लाभकारी। बलगम से दिलाए राहत। क्रोध, चिड़चिड़ापन में लाभकारी। डायबिटीज में लाभकारी। चेहरे की चमक बढ़ाए
भुजंगासन- शरीर की थकावट कम करे। रीढ़ की हड्डी में लाभकारी। कमर दर्द से निजात मिलेगा। वजन कम करने में करे मदद। अस्थमा में लाभकारी।
शलभासन- पेट की परेशानी करे दूर। कमर दर्द में लाभकारी। किडनी रोगों में कारगर। शरीर को मजबूत और लचीला बनाए। वजन घटाने में कारगर।
धनुरासन- कमर दर्द में लाभकारी। वजन कम करने में मददगार। शरीर को लचीला और मजबूत बनाए। पेट और कमर की चर्बी को करे कम।
मर्कटासन- कमर दर्द में लाभकारी। रीढ़ की हड्डी में लाभकारी। पेट और पीठ को बनाए मजबूत। पीठ का दर्द लाभकारी। गैस और कब्ज में लाभकारी।
पवनमुक्तासन- फेफड़ों को बनाए मजबूत। डायबिटीज को करे कंट्रोल। वजन कम करने में करे मदद। एसिडिटी की समस्या से दिलाए राहत। पैन्क्रियाज में इंसुलिन बढ़ाए
मसल्स को करे स्ट्रेस। कंधे और पीठ को बनाए मजबूत।
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उत्तानपादासन- बदलते मौसम में रोगों से करे बचाव। पेट और पैर के मसल्स को बनाए मजबूत। शरीर को सुंदर औस सुडौल बनाए। मोटापा कम करने में सहायक। फेफड़ों को बनाए मजबूत।
नौकासन- पाचन शक्ति को रखे ठीक। मोटापा कम करने में कारगर। कमर की मसल्स को लचीला बनाए। शरीर का करे खिंचाव। सिरदर्द से दिलाए निजात। जोड़ों के दर्द को करे कम।
सेतुबंधासन- कमर दर्द में लाभकारी। अस्थमा से दिलाए लाभ। वजन कम करने में करे मदद।
शीर्षासन- चेहरे की झुर्रियां गायब हो जाती हैं। त्वचा मुलायम और खूबसूरत बनती है। रोज अभ्यास से सफेद बाल काले होते हैं। बालों को झड़ने से रोकने में मददगार। मानसिक शांति और स्मरण शक्ति बढ़ती है। दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने में कारगर। आत्मविश्वास, धैर्य, निडरता बढ़ाता है। एकाग्रता, उत्साह, याददाश्त बढ़ाता है।
सर्वांगासन- तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है। दिल तक शुद्ध रक्त पहुंचता है। एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। याद की हुई चीजें भूलते नहीं। ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बेहतर। आंखों पर चश्मा नहीं चढ़ेगा। थाइराइड ग्लैंड एक्टिव होता है। हाथ-कंधे मजबूत बनते हैं। ब्रेन को पर्याप्त ब्लड मिलता है। हार्ट मसल्स एक्टिव होता है। दिल तक शुद्ध रक्त पहुंचता है।
हलासन- दिमाग शांत होता है। थायराइड की बीमारी ठीक होती है। स्ट्रेस और थकान मिटाता है। रीढ़ की हड्डी और कंधों में खिंचाव आता है। डायबिटीज़ की परेशानी दूर होती है। डायजेशन में सुधार आता है।
फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए प्राणायाम:
- कपालभाति
- अनिलोम-विलोम
- भ्रामरी
- उज्जायी
- भस्त्रिका