शिशु को सही पोजीशन में स्तनपान कराना बेहद जरूरी है। ब्रेस्टफीडिंग की सही पोजीशन से शिशु के साथ-साथ मां को भी ढेर सारे फायदे मिल सकते हैं। वहीं, अगर आपने ब्रेस्टफीडिंग की पोजीशन को लेकर सावधानी नहीं बरती तो शिशु को सही से पोषण नहीं मिल पाएगा। क्या आप ब्रेस्टफीडिंग की लेड-बैक पोजीशन के बारे में जानते हैं? अगर आप भी पहली बार मां बनी हैं, तो आपको भी जान लेना चाहिए कि अक्सर लेड-बैक पोजीशन में ब्रेस्टफीडिंग की सलाह क्यों दी जाती है।
शिशु को मिलने वाले फायदे
इस पोजीशन में स्तनपान कराने से शिशु को मां के ब्रेस्ट के पास आने में आसानी होती है। इसके अलावा लेड-बैक पोजीशन में ब्रेस्टफीडिंग कराने से शिशु को निप्पल पकड़ने में भी आसानी होती है। इतना ही नहीं इस पोजीशन की वजह से शिशु के गिरने के खतरे को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है। साथ ही इस पोजीशन में शिशु को दूध पिलाने से उसे दूध को डाइजेस्ट करने में भी आसानी होती है। लेड-बैक पोजीशन शिशु के दम घुटने की संभावना को भी काफी हद तक कम कर सकती है।
मां को मिलने वाले फायदे
लेड-बैक पोजीशन में ब्रेस्टफीडिंग कराने से मां को पीठ, कंधे और गर्दन में तनाव महसूस नहीं होता है यानी ये पोजीशन मां के लिए ज्यादा आरामदायक होती है। इस पोजीशन में शिशु को दूध पिलाने से मां को ज्यादा थकान भी महसूस नहीं होती।
कैसी होती है लेड-बैक पोजीशन?
लेड-बैक पोजीशन को रिक्लाइंड या फिर लीन-ऑन-बैक पोजीशन के नाम से भी जाना जाता है। इस पोजीशन के लिए सबसे पहले कोई भी कंफर्टेबल जगह चूज कर लें। अपनी पीठ के सहारे के लिए एक तकिया भी लगा लीजिए। अब मां को आधा लेटना है जिससे मां के शरीर पर ज्यादा तनाव न पड़े। अब शिशु के पेट को मां के पेट से लगाकर लेटा दीजिए और शिशु के सिर को ब्रेस्ट के पास रख दीजिए।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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