डायबिटीज के मरीजों की तरह मोटे लोगों को कोरोना वायरस का अधिक खतरा, रहें सतर्क
एनएचएस ऑडिट खुलासा किया लगभग दो तिहाई मरीज जो कोरोनो वायरस से पीड़ित है वह काफी मोटे भी है। 40 प्रतिशत लोगों की उम्र 60 साल से कम है।
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अभी तक कहा जा रहा था कि जिन्ंहें हार्ट प्रॉब्लम, डायबिटीज आदि है उन्हें इसका खतरा ज्यादा होता है, लेकिन एक रिपोर्ट सामने आई जिसमें कहा जा रहा है कि मोटे लोगों को भी कोरोना वायरस का खतरा अधिक है। यूरोप के नेशनल हेल्थ सर्विस(NHS) के अनुसार यूरोप में जितने भी लोग बीमार हुए है दो तिहाई मरीज लोग मोटे है।
एनएचएस के अनुसार अगर आपके शरीर में अधिक चर्बी है और आपका बॉडी माक्स इंडेक्स (BMI)ज्यादा है तो आपको कोरोना होने का खतरा सबसे अधिक है। यूरोप की बात करें तो कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में से दो तिहाई लोग मोटापे का शिकार है।
एनएचएस ने आगे कहा कि इस गंभीर रूप से बीमार लोगों में से 40 प्रतिशत लोगों की उम्र 60 साल से नीचे है। यूरोप ही नहीं यूनाइटेड किंगडम में कोरोना वायरस से संक्रमित कुछ मरीजों में से 63 प्रतिशत मरीज आईसीयू मैं है जोकि अधिक बीएमआई के साथ-साथ मोटे भी है।
आपको यह बात जानकर शायद हैरानी होगी कि यूके में पिछले 24 घंटे में 194 मरीज आईसीयू में एडमिट हुए। जिसमें से 130 लोग मोटापे से परेशान थे। जिसके साथ ही माना जाता रहा है कि मोटे लोगों को भी कोरोना वायरस जल्दी होने का खतरा है।
पहले भी कई बार ऐसे रिसर्च हो चुकी है। जिसमें यह बात सामने आई है कि मोटे लोगों को संक्रमण का खतरा अधिक है। इस के साथ ही फेफड़ो से संबंधित बीमारियों के होने की आशंका भी अधिक है।
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इस बारे में डॉक्टरों का मनना है कि मोटे लोगों का इम्यूनिटी सिस्टम उतना अच्छा नहीं होता है जितना एक दुबलेपतले व्यक्ति का होता है। मोटे लोग अधिक मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का सेवन नहीं करते है। जिसके कारण उनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है।
अधिक वजन होने के कारण शरीर में डायफ्रॉम और फेफड़ों को फूलने-पिचकने में प्रॉब्लम होने लगती है। जिसके कारण सांस लेने में समस्या होने लगती है। जिसके कारण शरीर के अन्य हिस्सों में भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पंहुच पाती है। ऐसे में कोरोना वायरस का संक्रणण होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।