आफत बना बारिश का गंदा पानी, डेंगू-मलेरिया समेत बढ़ सकता है इन बीमारियों का खतरा, योग करेगा बचाव
बारिश के मौसम में डेंगू-मलेरिया, हेपेटाइटिस, टाइफाइड, डायरिया, खांसी-बुखार का खतरा बढ़ जाता है। इन गंभीर बीमारियों से दूर रहने के लिए आपको योगिक कवच की जरूरत पड़ेगी।
सावन का महीना आते ही बारिश से पेड़-पौधों पर आई हरियाली देखकर दिल को तो राहत मिलती है लेकिन सेहत की टेंशन बढ़ जाती है। मॉनसून के साथ सीजनल बीमारियां भी दस्तक देती हैं। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, डायरिया, हर्पीस जैसे तमाम रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इस बार तो चांदीपुरा, निपाह और जीका वायरस के मामले भी ज्यादा आ रहे हैं। दरअसल भारी बारिश में बढ़ी हुई उमस और वॉटर लॉगिंग की वजह से बैक्टीरिया, वायरस ज्यादा पनपते और फैलते हैं। मॉनसून की बीमारियों को हम 3 कैटेगरी में बांटकर आसानी से समझ सकते हैं। पहली मच्छरों से, दूसरी गंदे पानी से और तीसरी ह्यूमिडिटी से होने वाली बीमारियां। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के लिए मच्छर जिम्मेदार हैं और टाइफाइड, हैजा, पीलिया, डायरिया दूषित पानी की वजह से होते हैं। वहीं हवा में नमी की वजह से नजला-ज़ुकाम, बुखार, खांसी, इंफ्लूएंजा बढ़ जाते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर साल करीब 40 लाख लोग गंदे पानी से होने वाले रोगों का शिकार होते हैं। WHO की स्टडी कहती है कि करीब 10 लाख लोग साफ पानी मुहैया न होने की वजह से डायरिया की चपेट में आकर जान गंवाते हैं तो वहीं मच्छरों से होने वाले रोगों में मलेरिया से सबसे ज्यादा मौत होती हैं। दुनिया में मलेरिया के हर साल आने वाले 52 लाख पेशेंट्स में 66% मरीज अकेले भारत के होते हैं और इस बार तो डेंगू पेशेंट भी पिछले साल के मुकाबले 50% ज्यादा हैं। हेपेटाइटिस की बात की जाए तो हेपेटाइटिस A और E का इंफेक्शन एक तिहाई मरीजों में लिवर खराब होने की वजह बन सकता है। इसके अलावा नजला-ज़ुकाम, खांसी अगर लगातार बनी रहे तो उसे हल्के में न लें वरना आप टाइफाइड का शिकार भी बन सकते हैं। अगर लापरवाही हुई तो मॉनसून राहत की जगह आफत भी बन सकता है। इसलिए अगर बरसात का लुत्फ उठाना है तो योग कीजिए और स्वामी रामदेव की कुछ टिप्स को जरूर फॉलो करें।
मॉनसून में सीजनल रोगों की दस्तक
हेपेटाइटिस
मलेरिया
चिकनगुनिया
डेंगू
डायरिया
हरपीस
हेपेटाइटिस A और E
33% हेपेटाइटिस पेशेंट के लिवर में प्रॉब्लम
टाइफाइड-डायरिया के लक्षण
सीजनल वायरल
बॉडीपेन-सिरदर्द
बुखार
पेटदर्द
नाक बहना
इंफेक्शन
गले में खराश
बुखार
डेंगू-चिकनगुनिया के लक्षण
तेज ठंड लगना
बुखार
सिरदर्द
आंखों में दर्द
जॉइंट्स पेन
भूख कम लगना
डेंगू-चिकनगुनिया के लिए आजमाएं ये तरीके
लौकी के जूस में शहद मिलाकर पीएं
नाश्ते में अनार और अंजीर लें
डेंगू में बरतें सावधानी
घर में पानी न जमा होने दें
खिड़कियों पर जाली लगाएं
पूरी बाजू के कपड़े पहनें
मच्छरदानी लगाएं
कैसे बढ़ाएं प्लेटलेट्स?
व्हीटग्रास का जूस पीएं
एलोवेरा का जूस पीएं
गिलोय का जूस पीएं
पपीते के पत्ते का जूस पीएं
मच्छर भगाने के नेचुरल उपाय
नीलगिरी-नीम का तेल मिलाकर लगाएं
कमरे में कपूर जलाएं
घर में लोबान जलाएं
वोमिटिंग में कारगर उपाय
अनार का जूस पीएं
बुखार आने पर क्या करें?
फीवर नापकर चार्ट बनाएं
शरीर को हाइड्रेटेड रखें
भरपूर नींद लें
गिलोय का रस पीएं
तुलसी के पत्ते खाएं
अनुलोम-विलोम करें
इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं?
आधा घंटा धूप में बैठें
विटामिन-सी वाले फल खाएं
हरी सब्जियां खाएं
रात में हल्दी वाला दूध पीएं
आधा घंटा योग करें