आंतों और हड्डियों सहित अन्य टीबी से छुटकारा दिलाएंगे ये आयुर्वेदिक उपाय, फेफड़े भी रहेंगे हेल्दी
टीबी भी एक संक्रामक रोग है जो ट्यूबरक्युलोसिस बैक्टीरिया की वजह से होता है। इस बीमारी में फेफड़े सबसे ज्यादा प्रभावित होता हैं।
आज भी दुनिया की 10 सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक ट्यूबरक्लोसिस यानी टीबी(TB) मानी जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल करीब 26 लाख टीबी के नये मरीज बढ़ रहे हैं। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि 27 परसेंट टीबी मरीज सिर्फ भारत में हैं।
आपको बता दें, टीबी भी एक संक्रामक रोग है जो ट्यूबरक्युलोसिस बैक्टीरिया की वजह से होता है। इस बीमारी में फेफड़े सबसे ज्यादा प्रभावित होता हैं। हालांकि कई बार इसका असर ब्रेन, यूट्रस, मुंह, लिवर, किडनी, गले में भी होता है। स्वामी रामदेव से जानिए किन आयुर्वेदिक उपायों के द्नारा इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
सीने में दर्द, बलगम में खून आना है टीबी की निशानी, स्वामी रामदेव से जानिए TB रोग का इलाज
टीबी के लक्षण-
कई हफ्तों तक खांसी
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रात में पसीना आना
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बुख़ार रहना
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थकावट होना
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वज़न घटना
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सांस लेने में दिक्कत
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भूख न लगना
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ठंड लगना
लहसुन, अदरक, हल्दी, यूके लिपस्टिक के पत्ते और दिव्य पेय की कुछ बूंदे डालकर पेस्ट बना लें। इसके बाद इसे फेफड़े में लगा दें। इससे आपको लाभ मिलेगा।
कच्ची हल्दी को दूध में पकाएं और इसमें शिलाजील मिलाकर इसका सेवन करे।
हर प्रकार की टीबी को दूर भगाएंगे ये आयुर्वेदिक उपाय
फेफड़े की टीबी- गिलोय और दिव्य पेय
- खजूर और द्राक्ष कल्प
- लक्ष्मी विलास
- दूध में हल्दी और शीलाजीत मिलाकर पिएं
- दूध में हल्दी और शिलाजीत डालकर पिएं
- लाक्षादि गुग्गुल काफी कारगर
- तिल के तेल से शरीर की मालिश करे
- पीडांतक क्वाथ 200 ग्राम लें।
- पीड़ानिल गोल्ड का सेवन करे
- ऑर्थोग्रिट, अश्वशिला कैप्सूल लें
- पीड़ांतक तेल से मालिश करें
बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करेंगे ये 5 घरेलू नुस्खे, जानें कब और कैसे करें इनका इस्तेमाल
यूट्रस का टीबी- दशमूल क्वाथ 200 ग्राम, सर्वकल्प क्वाथ 200 ग्राम, प्रवाल पंचामृत 10 ग्राम, मोती पिष्टी 4 ग्राम, स्फटिक भस्म 5 ग्राम, रजत भस्म 4 ग्राम , रस माणिक्य 2 ग्राम, वसंत कुसुमाकर रस 2 ग्राम , नारीसुधा वटी, चंद्रप्रभा वटी, अश्वशिला लें
- सर्व कल्प क्वाथ - 200 ग्राम
- सर्व कल्प क्वाथ - 200 ग्राम
- प्रवाल पंचामृत 10 ग्राम, मोती पिष्टी 4 ग्राम
- शंख भस्म 10 ग्राम, कपर्दक भस्म 10 ग्राम
- मुक्ता शुक्ति भस्म 10 ग्राम
- स्वर्ण भस्म मालती 2 ग्राम
- लिवामृत एडवांस वटी लें
- लिवोग्रिट लें