Ayurvedic medicine for uric acid: शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना शरीर में कई समस्याओं का कारण बन सकता है। जैसे गाउट की समस्या जिसमें जोड़ों के बीच पथरी जमा हो जाती है और हड्डियों में गैप आने लगता है। ऐसे में इस जड़ी-बूटी का सेवन इस समस्या में मददगार हो सकता है। दरअसल, आयुर्वेद में हड्डियों और मेटाबोलिक स्थितियों में जुड़ी समस्याओं में इस हर्ब का इस्तेमाल बेहद कारगर तरीके से किया जाता है। इस हर्ब का नाम पत्थरचट्टा (benefits of patharchatta) है। ये जड़ी-बूटी खासतौर पर हड्डियों के लिए फायदेमंद है, क्यों और कैसे जानते हैं इस बारे में।
हाई यूरिक एसिड में पत्थरचट्टा-Patharchatta for high uric acid patients
1. एंटी इंफ्लेटरी गुणों से भरपूर
हाई यूरिक एसिड में पत्थरचट्टा का सेवन कई प्रकार से फायदेमंद है। लेकिन, सबसे पहले तो ये एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है जो कि यूरिक एसिड में सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा ये गाउट के दर्द में कमी कमता है और फिर आपको बेहतर महसूस करवाता है। साथ ही ये हड्डियों के टिशूज की रिपेयरिंग में भी मददगार है।
2. मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है
पत्थरचट्टा मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है है और प्यूरिन पचाने की गति को तेज करता है। ये आपके पेट में प्रोटीन से निकलने वाले प्यूरिन को पचाने में मदद करता है जिससे आपका मेटाबोलिज्म तेज होता है और ये पेशाब के शरीर से बाहर हो जाता है।
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हाई यूरिक एसिड में पत्थरचट्टा का सेवन कैसे करें-How to have patharchatta for high uric
हाई यूरिक एसिड में पत्थरचट्टा का सेवन आप एक काढ़े के रूप में कर सकते हैं। आपको करना ये है कि पत्थरचट्टा की पत्तियों को पानी में उबाल लेना है और फिर इसमें नमक मिलाकर इसका सेवन करना है। अगर आप इसका सेवन नहीं करना चाहते हैं तो सरसों के तेल में इन पत्तियों को पकाकर इन्हें हड्डियों में लगाएं जो कि इस दर्द को कम करने में मददगार है।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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