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Hindi News हेल्थ सर्दी-खांसी से हैं परेशान तो आयुर्वेदिक चूरन त्रिकटु का करें इस्तेमाल, कोल्ड-कफ के साथ कॉलेस्ट्राल भी होगा कंट्रोल, जानें घर पर कैसे बनाएं?

सर्दी-खांसी से हैं परेशान तो आयुर्वेदिक चूरन त्रिकटु का करें इस्तेमाल, कोल्ड-कफ के साथ कॉलेस्ट्राल भी होगा कंट्रोल, जानें घर पर कैसे बनाएं?

आयुर्वेदिक चूरन त्रिकटु के सेवन से सिर्फ सर्दी खांसी ही नहीं बल्कि कई गंभीर समस्याएं कंट्रोल होती है। चलिए जानते हैं इससे सेहत को क्या फायदे होते हैं साथ ही बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका?

Ayurvedic churna Trikatu for cold cough- India TV Hindi Image Source : SOCIAL Ayurvedic churna Trikatu for cold cough

जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है वो लोग मौसमी बीमारियों की चपेट में बहुत तेजी से आते हैं। खासकर, ऐसे लोग अक्सर सर्दी-खांसी से परेशान रहते हैं। मौसम कोई भी हो कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग कोल्ड, कफ और खराश जैसी समस्याओं से हमेशा घिरे रहते हैं। ऐसे में ज़रूरी है अपनी इम्यूनिटी मजबूत करें। जब आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होगी तो आपको इन परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। आयुर्वेद में ऐसे कई जड़ी बूटियां होती हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं। आयुर्वेदिक चूरन त्रिकटु भी इनमे से एक है। इसके सेवन से सिर्फ सर्दी खांसी ही नहीं बल्कि कई गंभीर समस्याएं कंट्रोल होती है। चलिए जानते हैं इससे सेहत को क्या फायदे होते हैं साथ ही बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका?

क्या होता है त्रिकटु चूरन?

त्रिकटु चूरन एक आयुर्वेदिक रेमेडी है जो सर्दी-खांसी, अपच और कोलेस्ट्रॉल में बेहद फायदेमंद है। इसे बनाने के लिए किचन के कुछ मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। यह पाउडर प्रकृति में गर्म होता है।

किन समस्यायों में है फायदेमंद:

त्रिकटु चूरन कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए अमृत समान है।  इसके सेवन से सर्दी खांसी की समस्या दूर होती है। यह भूख बढ़ाता है साथ ही यह पेट को एंजाइम बनाने के लिए उत्तेजित करता है जो पाचन में मदद करता है। यह श्वसन तंत्र के लिए भी बहुत अच्छा है और अस्थमा, एलर्जिक राइनाइटिस को कंट्रोल करने में मदद करता है। यह वसा को जलाता है और बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। थायराइड से लेकर गले की खराश और टॉन्सिलिटिस तक सभी गले की बीमारियों में लाभकारी है।

कैसे बनाएं ये पाउडर?

त्रिकटु पाउडर बनाने के लिए सौंठ यानि ड्राई जिंजर, पीपल और काली मिर्च को बराबर मात्रा में लें। चुकी इनकी तासीर गर्म होती है इसलिए आप पीपल और काली मिर्च की मात्रा थोड़ी कम कर सकते हैं। यदि इसका स्वाद बहुत तीखा है, तो इसे भोजन में भी मिलाया जा सकता है और भोजन के साथ लिया जा सकता है। आधा चम्मच चूरन को आप शहद में मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। हालांकि, इइसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेना सबसे ज़रूरी है ताकि आप अपनी प्रकृति और बीमारियों के अनुसार इसकी खुराक और आपके शरीर पर इसके प्रभाव को समझ सकें।

 

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