आयुर्वेद भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धिति है। वेद पुराणों में आयुर्वेद का जिक्र मिलता है। आयुर्वेद का मतलब है स्वस्थ जीवन जीने की पद्धिति। आयुर्वेद में केवल रोगों का इलाज ही नहीं होता बल्कि स्वस्थ जीवन का तरीका भी बताया जाता है। आयुर्वेद में जड़ी बूटि सहित दूसरी प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल हमारी डेली लाइफ को अच्छा बनाने के लिए किया जाता है। ताक हम जीवन सुखी, तनाव मुक्त और रोग मुक्त जीवन जी सकें। आयुर्वेद रोगों को शरीर से खत्म करने पर काम करता है। आयुर्वेद के मुताबिक शरीर में सारी बीमारियों की जड़ तीन दोष वात, पित्त और कफ हैं। आपके शरीर में इसमें से कौन सा दोष है ये पहचानना जरूरी है। इसी के हिसाब से आप अपना खान-पान रखें।
आयुर्वेदिक में छुपा है सेहत का राज
- आयुर्वेद के जरिए खुद को स्वस्थ रखना है तो सबसे पहले अपने दोष को समझना जरूरी है। तीन दोष में वात, पित्त और कफ शामिल हैं। हर किसी के शरीर में इनमें से कोई न कोई एक दोष ज्यादा होता है। आप उसके हिसाब से लाइफस्टाइल और खान-पान चुनें।
- आयुर्वेद इस बात पर जोर देता है कि आप क्या और कैसे खाते हैं। आपको शांत वातावरण में भोजन को अच्छी तरह से चबाकर और मन लगाकर खाना चाहिए। खाना खाते वक्त टीवी या फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- अपने दोष के हिसाब से आपको दैनिक दिनचर्या बनानी चाहिए। जिसमें जल्दी उठना, योग या ध्यान का अभ्यास करना और खाना खाने का नियमित समय जैसी चीजें शामिल करें।
- आयुर्वेद में फिट रहने के लिए नियमित फिजिकल एक्टिविटी करने की बात कही गई है। इससे आप शरीर में होने वाले दोषों को संतुलित कर सकते हैं। आपको ऐसा व्यायाम करना चाहिए जिससे आपका दोष शांत हो।
- आपको ध्यान और माइंडफुलनेस चीजों को अपनी डेली लाइफ में शामिल करना चाहिए। इससे मन शांत रहेगा और तनाव कम करने में मदद मिलेगी।
- आयुर्वेद में स्वस्थ शरीर के लिए बॉडी को डिटॉक्स करना जरूरी है। इससे शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसके लिए आयुर्वेद में पंचकर्म, उपवास, या अपने खाने में कुछ जड़ी-बूटियों को जरूर शामिल करें।
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