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Hindi News हेल्थ लीवर की ये बीमारी कर देती है कई पीढ़ियों का नास, इन लक्षणों के दिखते ही तुरंत हो जाएं सतर्क

लीवर की ये बीमारी कर देती है कई पीढ़ियों का नास, इन लक्षणों के दिखते ही तुरंत हो जाएं सतर्क

ऑटोइम्‍यून लिवर बीमारी लगातार बढ़ते जाती है, जिस वजह से जो लिवर इन्फ्लेमेशन की संभावना बढ़ जाती है और व्यक्ति ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस से पीड़ित हो जाता है। यह बीमारी सिर्फ मरीज को नहीं बल्कि उसकी कई पीढ़‍ियों को बर्बाद कर सकती है।

Autoimmune liver inflammation- India TV Hindi Image Source : FREEPIK Autoimmune liver inflammation

आजकल लिवर की बीमारी से हर उम्र के लोग परेशान रहते हैं। हालत तो ऐसी हो गई है कि लिवर में ज़रा सी दिक्कत होने पर कुछ ही महीनों में बात लिवर ट्रांस्‍प्लांट तक पहुंच जाती है। इन दिनों लोग फैटी लिवर डिजीज, लिवर में इन्‍फेक्‍शन, लिवर टिश्‍यूजसे बेहद परेशान हैं इन्हीं में से एक बीमारी और है जो तेजी से फ़ैल रही है वह है ऑटोइम्‍यून लिवर की बीमारी। इस बीमारी को ऑटो इम्‍यून लिवर इन्‍फ्लेमेशन के नाम से भी जाना जाता है। ऑटोइम्‍यून लिवर बीमारी लगातार बढ़ते जाती है, जिस वजह से जो लिवर इन्फ्लेमेशन की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल, ऐसा तब होता है जब शरीर का इम्यून सिस्टम लिवर के सेल्स पर हमला करने लगता है और पीड़ित व्यक्ति ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस की चपेट में आ जाता है। इसमें लिवर की हलसी सेल्स धीरे-धीरे खराब होने लगती हैं, जिससे लिवर सही तरीके से काम नहीं करता और पीड़ित लिवर सिरोसिस का शिकार हो जाता है। यह बीमारी सिर्फ मरीज को नहीं बल्कि उसकी कई पीढ़‍ियों को बर्बाद कर सकती है।

कौन होते हैं इससे ज़्यादा पीड़ित? 

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस बीमारी आनुवंशिक वजह से भी हो सकती है। दरअसल, कई एक्सपर्ट का ऐसा मानना है कि परिवार में पीढी दर पीढ़ी यह रोग फ़ैल सकता है। फैमिली जीन्स की वजह से परिवार में ऑटोइम्यून लिवर की बीमारी अगली पीढ़ी में भी हो सकती है। जिन परिवारों में इस बीमारी की हिस्ट्री रही है वहां इसकी संभावना बहुत हद तक बढ़ जाती है। साथ ही जो लोग ऑटोइम्यून बीमारी जैसे- अर्थराइटिस और हाइपर थॉयराइडिज़्म से पीड़ित हैं, उनमें भी ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस की संभावना ज्‍यादा होती है।

ये हैं लक्षण

  1. हमेशा थकान महसूस होना 
  2. पेट में ऐंठन होना 
  3. स्किन का पीला पड़ना
  4. लिवर का बड़ा होना
  5. ब्लड वेसेल्स में आसामान्यता
  6. त्वचा में जलन और रैशेस 
  7. जोड़ों में दर्द 
  8. पीरियड्स में गड़बड़ी 

क्या है ट्रीटमेंट?

लिवर की बीमारी में मरीज को शुरूआत में स्टेरॉयड और इम्युनोसप्रेसिव दवाएं दी जाती हैं, ताकि इम्यून सिस्टम लिवर को और ज़्यादा नुकसान न पहुंचाए। वहीं अगर दवा से इलाज न हो, तो लिवर ट्रांसप्लान्ट या सर्जरी भी की जाती है। इसके अलावा खाने-पीने की आदतों में बदलाव लाना और सेहतमंद जीवनशैली अपनाना जरूरी है ताकि लिवर जल्दी ठीक हो और बीमारी के आगे बढ़ने की संभावना को रोका जा सके।

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