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Hindi News हेल्थ पानी की तरह प्यूरिन की पथरियों को पिघला देता है अश्वगंधा, जानें यूरिक एसिड में कब करना चाहिए इसका सेवन?

पानी की तरह प्यूरिन की पथरियों को पिघला देता है अश्वगंधा, जानें यूरिक एसिड में कब करना चाहिए इसका सेवन?

बढे हुए यूरिक एसिड को कम करने के लिए अश्वगंधा का इस्तेमाल करना लाभदायक है। इससे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा कम होती है।

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शरीर में यूरिक एसिड लेवल बढ़ने से जोड़ों में कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती है। बता दें, जब किसी कारणवश किडनी या गुर्दे खराब होने की वजह से फिल्ट्रेशन की क्षमता कम हो जाती है तो यूरिया, यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है जो परिणाम स्वरूप हड्डियों के बीच जमा हो जाता है। इस वजह से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है। साथ ही डाइट में में प्यूरिन ज्यादा होने की वजह से भी यूरिक एसिड ज्यादा बनता है। शरीर में हाई यूरिक एसिड लेवल गठिया का रूप लेता है।गठिया वो कंडिशन है जो जोड़ों में असहनीय दर्द और सूजन का कारण बनती है। ऐसे में इस समस्या से राहत पाने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना बेहद जरूरी हैं। इसके अलावा यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी बूटी है जो यूरिक एसिड की समस्या को कम करती है। चलिए, जानते हैं यूरिक एसिड में इसका इस्तेमाल कैसे करें? 

बढ़े हुए यूरिक एसिड को कम करने में अश्वगंधा है फायदेमंद:

अश्वगंधा को आयुर्वेदा में बहुत फायदेमंद जड़ी बूटी माना गया है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जिससे शरीर का दर्द और सूजन काफी हद तक कम हो सकते हैं। एक चम्मच अश्वगन्धा पाउडर को एक चम्मच शहद में मिला लें। इसे एक गिलास हल्का गरम या गुनगुना दूध के साथ पिएं। ध्यान रखें कि अगर आप गर्मियों के मौसम में यूरिक एसिड को कम करने के लिए दूध से उपाय (uric acid ka ilaj) कर रहे हैं तो अश्वगन्धा की मात्रा कम लें।

अश्वगंधा इन समस्याओं में भी है कारगर:

बढे हुए यूरिक एसिड को कम करने के साथ साथ अश्वगंधा का इस्तेमाल वजन कम करने, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और कमजोरी दूर करने में भी किया जा सकता है। इनमें तनाव और चिंता को कम करना, एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार करना और न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण शामिल हो सकते हैं।

 

 

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