आयुर्वेद में अर्जुन की छाल को बहुत महत्व दिया गया है। इसका सेवन करने से आप दिल से जुड़ी बीमारियों को कंट्रोल कर सकते हैं। दरअसल, अर्जुन की छाल कार्डियोटोनिक के रूप में कार्य करता है और दिल की मांसपेशियों को मजबूत करता है। अर्जुन की छाल में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को कई तरह के रोगों से बचाने का काम करते हैं। इसके छल से बने काढ़े का सेवन बीमारियों से निजात पा सकते हैं। चलिए जानते हैं आप अर्जुन की छाल का काढ़ा कैसे बनाएं और इसका सेवन कैसे करें?
अर्जुन की छाल के फायदे:
अर्जुन की छाल को दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद माना गया है। दरअसल, अर्जुन की छाल में ट्राइटरपेनॉइड नाम का एक रसायन पाया जाता है जो हृदय संबंधी परेशानियों को दूर करने का काम करता है। अर्जुन की छाल में मौजूद टैनिन और ग्लाइकोसाइड जैसे कम्पोनेंट्स में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो दिल की मांसपेशियों और ब्लड वेसेल्स को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। अर्जुन ब्लड वेसेल्स को भी फैलाता है और ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने के लिए प्लाक को घोलता है। इतना ही नहीं यह बैड कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करने में मदद करता है।
अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाने की सामग्री
- 1 चम्मच अर्जुन की छाल
- 2 ग्राम दालचीनी
- 5 पत्ते तुलसी
अर्जुन की छाल में ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन, इलेजिक एसिड, बीटा-सिटोस्टिरोल जैसे तत्व पाए जाते हैं जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हैं। तुलसी की पत्तियों में कैल्शियम, जिंक, विटामिन सी और आयरन के अलावा पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो दिल को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। वहीं, दालचीनी में मैग्नीज, आयरन, फाइबर, कैल्शियम, विटामिन के, कॉपर पोटेशियम और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाने की विधि
सबसे पहले सभी चीजों को आपस में मिक्स करें और फिर इन्हें कूट लें। इसके बाद एक पैन में 2 कप पानी लें और गैस ऑन कर पानी में सभी चीजें डालकर धीमी आंच में उबाल लें। जब पानी एक कप बच जाए तब गैस बंद करें और फिर इसे हल्का ठंडा करके रोजाना इसका सेवन करें।
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