प्रदूषण- स्मॉग से खतरे में जिंदगी, स्वामी रामदेव से जानिए ज़हरीली हवा से कैसे बचाएं फेफड़े
जब प्रदूषण बढ़ता है तब स्मॉग की वजह से हवा में धुंध की एक परत बना देता है, जिसके कारण सांस लेना भी दूभर हो जाता है।
Highlights
- स्मॉग के कारण पूरी दुनिया में हर साल करीब 20 लाख की मौत
- प्रदूषण की वजह से स्ट्रेस हार्मोन बढ़ता है
- प्रदूषण के कारण अस्थमा, टीबी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं
दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण ने हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात बना दिए हैं। वायु प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। AQI 400 के आस-पास बना हुआ है। जब प्रदूषण बढ़ता है तब स्मॉग की वजह से हवा में धुंध की एक परत बना देता है। ये परत इतनी मोटी होती है कि विजिबिलिटी को 50 मीटर तक समेट देती है।
ये स्मॉग कितना खतरनाक है। ये बात शिकागो यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट बताती है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल इसी स्मॉग की वजह से करीब 10 लाख से ज्यादा लोगों की जाने जाती हैं और हर चौथे भारतीय की उम्र 9 साल घट जाती है-।
हम अपनी दिनचर्या में इस स्मॉग के साइड इफेक्ट को महसूस कर सकते हैं। जो पहले से बीमार हैं उन्हें इस स्मॉग की वजह से सांस लेने में दिक्कत और अस्थमा जैसी परेशानी हो रही है। वहीं जो हेल्दी हैं वो थकान, सिरदर्द, स्ट्रेस..आंखों-नाक और गले में जलन महसूस कर रहे हैं।
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एक्सपर्ट्स की मानें तो पिछले 6 साल में इस बार नवंबर में दिल्ली एनसीआर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही। पॉल्यूशन का ये लेवल इतना खतरनाक है कि अगर आप नॉनस्मोकर है तब भी रोज़ाना 25 सिगरेट पीने के बराबर ज़हरीला धुंआ आपके अंदर जा रहा है।
इस अवस्था से निकलने में हर एक को अपनी जिम्मेदारी निभानी होग। घर में प्यूरिफाइंग पौधे लगाएं। कार्बन फिल्टर वाले मास्क पहनें। गाडी का इस्तेमाल करें और खुले में वर्कआउट करने से बचें। इसके साथ ही रोजाना योग करें। क्योंकि जब लंग्स की कपैसिटी बढ़ेगी तभी सांसों पर लगी इमेरजेंसी हटेगी। इसलिए स्वामी रामदेव से जानिए बढ़ते प्रदूषण के बीच कैसे रखें फेफड़ों का ख्याल।
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वायु प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियां- ब्रोंकाइटिस
- टीबी
- अस्थमा
- थकान
- सिरदर्द
- आंख-गले में जलन
ताड़ासन
- रक्त संचार सही से होता है।
- घुटनों, टखने मजबूत होते हैं।
- दर्द-थकान दूर होता है।
- रोज अभ्यास से लंबाई बढ़ती है।
तिर्यक ताड़ासन
- रोज करने से शरीर काफी लचीला होता है
- कमर की चर्बी पूरी तरह खत्म हो जाती है
- कद बढ़ाने में भी मदद मिलती है
- वजन घटाने में मदद मिलता है
- मन को शांत रखने में सहायक
वृक्षासन
- बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है
- पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं
- सीने को चौड़ा और मजबूत करता है
- शरीर को लचीला बनाने में कारगर
- रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है
- आंख और नाक स्वस्थ होते हैं
गरुड़ासन
- पैर के मसल्स मजबूत होते हैं
- दोनों घुटनों के बीच कैप होता है
- फ्लैट लेग की समस्या दूर होती है
- एकाग्रता में सुधार आता है
सूर्य नमस्कार
- डिप्रेशन दूर करता है
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक
- वजन बढ़ाने में मददगार योगासन
- शरीर को डिटॉक्स करता है
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र बेहतर होता है
- शरीर को ऊर्जा मिलती है
- मोटापा कम करने में कारगर
- हाइट बढ़ाने में मददगार
- फेफड़ों तक पहुंचती है ज्यादा ऑक्सीजन
यौगिक जॉगिंग
- बॉडी में एनर्जी आती है।
- वजन कम करने में मददगार है।
- शरीर को मजबूत बनाता है।
- बॉडी फ्लेक्सिबल बनती है।
- हाथ-पैर मजबूत होते हैं।
पादहस्तासन
- दिल से जुड़ी बीमारी
- पेट की चर्बी
- लंबाई बढ़ाने
- दिमाग में रक्त का संचार में फायदेमंद
भुजंगासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है
- तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है
- फेफड़ों, कंधों, सीने को स्ट्रेच करता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- छाती चौड़ी होती है
मंडूकासन
- डायबिटीज को दूर करता है
- पेट और हृदय के लिए भी लाभकारी
- कंसंट्रेशन बढ़ता है
- पाचन तंत्र सही होता है
- लिवर, किडनी को स्वस्थ रखता है
योगमुद्रासन
- कब्ज की समस्या दूर होती है
- गैस से छुटकारा मिलता है
- पाचन की परेशानी दूर होती है
- छोटी-बड़ी आंते सक्रिय होती हैं
वक्रासन
- पेट पर पड़ने वाला दबाव फायदेमंद
- कैंसर की रोकथाम में कारगर
- पेट की कई समस्याओं में राहत
- पाचन क्रिया ठीक रहती है
- कब्ज ठीक होती है
उष्ट्रासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- मोटापा दूर करने में सहायक
- शरीर का पोश्चर सुधरता है
- पाचन प्रणाली को ठीक होती है
- टखने के दर्द को दूर भगाता है
पश्चिमोत्तासन
- इम्यूनिटी मजबूत होती है
- साइनस की बीमारी में आराम मिलता है
- डायबिटीज कंट्रोल होती है
- सिरदर्द की समस्या में आराम देता है
- मोटापा कम करने में मददगार
शीर्षासन
- शीर्षासन से डिप्रेशन दूर होता है
- चेहरे में चमक आती है, सुंदरता बढ़ती है
- त्वचा मुलायम और खूबसूरत बनती है
- मानसिक शांति और स्मरण शक्ति बढ़ती है
- दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है
- आंखों की रोशनी बढ़ाने में कारगर
सर्वांगासन
- दिल तक शुद्ध रक्त पहुंचता है
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
- याद की हुई चीजें भूलते नहीं
- ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बेहतर
- आंखों पर चश्मा नहीं चढ़ेगा
- थायराइड ग्लैंड एक्टिव होता है
- हाथ-कंधे मजबूत बनते हैं
- ब्रेन को पर्याप्त ब्लड मिलता है
- हार्ट मसल्स एक्टिव होता है
हलासन
- इस आसन से दिमाग शांत होता है
- थायराइड की बीमारी ठीक होती है
- स्ट्रेस और थकान मिटाता है
- रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है
- डायबिटीज़ की परेशानी दूर होती है
मर्कटासन
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है
- पीठ का दर्द दूर हो जाता है
- फेफड़ों के लिए फायदेमंद
- पेट संबंधी समस्या दूर होती है
- एकाग्रता बढ़ती है
- गुर्दे, अग्नाशय, लीवर सक्रिय होते हैं
उत्तानपादासन
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- कब्ज की समस्या से दिलाए लाभ
- एसिडिटी में फायदेमंद
नौकासन
- शरीर की ऑक्सीजन बढ़ाए
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- टीबी, निमोनिया को करे ठीक
- शरीर में ऑक्सीजन का स्तर संतुलित रहता है
- नियमित अभ्यास से मोटापे में कमी
- पाचन शक्ति अच्छी रहती हैं
- पेट, कमर, पीठ मजबूत बनती है
सेतुबंधासन
- फेफड़ों को उत्तेजित करता है
- साइनस, अस्थमा के मरीजों को लाभ
- तनाव और डिप्रेशन कम करता है
- पीठ और सिर दर्द को दूर करता है
- नींद ना आने की बीमारी दूर करता है
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है
- हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे
- थायराइड में लाभकारी
- कपालभाति
- अनुलोम विलोम
- उज्जायी
- उद्गीथ
- भ्रामरी
- भस्त्रिका
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।