वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक कोरोना वायरस के बाद ओरोपाउचे वायरस रोग, चांदीपुरा वायरस के कारण एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम और एमपॉक्स वायरस के मामले चिंता का विषय बन सकते हैं। क्या आप इन वायरस के बारे में जानते हैं? अगर नहीं, तो आपको इस तरह के खतरनाक वायरस के लक्षणों के बारे में जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। आइए ऐसे ही कुछ जानलेवा वायरस के शुरुआती और कॉमन लक्षणों के बारे में जानते हैं।
ओरोपाउचे वायरस रोग
इस वायरस से होने वाली डिजीज के लक्षण डेंगू के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं। इस वायरस के अटैक के लगभग 7 दिनों तक बुखार, सिर में तेज दर्द, जोड़ों में स्टिफनेस-दर्द और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। डब्लूएचओ के मुताबिक 60% मामलों में बुखार रुकने के बाद यही लक्षण दोबारा से शुरू हो जाते हैं। हालांकि, ज्यादातर मामले सात दिनों के अंदर ठीक हो जाते हैं।
चांदीपुरा वायरस के कारण एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में इस साल एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का प्रकोप पिछले 20 सालों में सबसे ज्यादा रहा है। वेक्टर कंट्रोल, रेत मक्खियों, मच्छरों और टिक्स के काटने से बचाव ही इसके ट्रान्समिशन को रोकने का उपाय है। इस वायरस के लक्षणों में तेज बुखार, दस्त, उल्टी, दौरे और बेहोशी जैसे लक्षण शामिल हैं।
एमपॉक्स वायरस
हाल ही में एमपॉक्स वायरस भी लोगों की चिंता का विषय बना हुआ है। जब एमपॉक्स वायरस आपके शरीर पर हमला करता है तो आपको बुखार, सूजे हुए लिम्फ नोड्स, गले में खराश, बाहों और चेहरे पर चकत्ते जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
स्वाइन फ्लू
बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिर में दर्द, ठंड लगना, थकान, दस्त और उल्टी जैसे लक्षण स्वाइन फ्लू की तरफ इशारा कर सकते हैं। समय रहते स्वाइन फ्लू के लक्षणों को पहचानना और डॉक्टर से कंसल्ट करना बेहद जरूरी है वरना आपकी सेहत बुरी तरह से डैमेज हो सकती है।
लिस्टेरिया संक्रमण
अगर आपको तेज बुखार, सिर में तेज दर्द, गर्दन में अकड़न, भ्रम या फिर रोशनी के प्रति सेंसिटिविटी महसूस हो रही है तो आपको लिस्टेरिया संक्रमण होने की संभावना बढ़ सकती है। अगर आपने समय रहते सावधानी नहीं बरती तो ये संक्रमण आपकी जान पर भी भारी पड़ सकता है।
एक तरफ जहां अभी भी कुछ लोग कोविड पॉजिटिव डायग्नोस हो रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ इतने सारे वायरस लोगों को अपनी गिरफ्त में लेने की तैयारी कर रहे हैं। इस तरह के वायरस से खुद का बचाव करने के लिए अलर्ट रहना बेहद जरूरी है।
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