A
Hindi News हेल्थ इस वैक्सीन की तीसरी खुराक के 4 महीने बाद कम हो जाती है प्रतिरोधक क्षमता, जानिए कौन सा टीका है अधिक प्रभावशाली

इस वैक्सीन की तीसरी खुराक के 4 महीने बाद कम हो जाती है प्रतिरोधक क्षमता, जानिए कौन सा टीका है अधिक प्रभावशाली

स्टडी में पाया गया कि हालांकि समय के साथ सुरक्षा कम जरूर होती गई, मगर तीसरी खुराक अभी भी कोविड-19 के साथ गंभीर बीमारी को रोकने में अत्यधिक प्रभावी है।

Corona Vaccination- India TV Hindi Image Source : FREEPIK Corona Vaccination  

Highlights

  • डेल्टा अवधि की तुलना में ओमिक्रॉन अवधि के दौरान वैक्सीन प्रभावशीलता भी समग्र रूप से कम रही।
  • अध्ययन के अनुसार, डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों वैरिएंट्स की लहर के दौरान समान रूप से कमजोर प्रतिरक्षा देखी गई थी

फाइजर-बायोनटेक या मॉडर्ना जैसी एमआरएनए वैक्सीन की तीसरी खुराक मिलने के चार महीने बाद गंभीर कोविड-19 बीमारी के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के एक अध्ययन (स्टडी) में यह दावा किया गया है। अध्ययन के अनुसार, डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों वैरिएंट्स की लहर के दौरान समान रूप से कमजोर प्रतिरक्षा देखी गई थी कि दूसरी खुराक के बाद एमआरएनए टीका प्रभावशीलता आखिर कैसे कम हो जाती है।

स्टडी में पाया गया कि हालांकि समय के साथ सुरक्षा कम जरूर होती गई, मगर तीसरी खुराक अभी भी कोविड-19 के साथ गंभीर बीमारी को रोकने में अत्यधिक प्रभावी है। इंडियाना यूनिवर्सिटी के सह-लेखक ब्रायन डिक्सन ने कहा, बूस्टर शॉट सहित एमआरएनए के टीके बहुत प्रभावी हैं, लेकिन समय के साथ प्रभावशीलता कम हो जाती है। उन्होंने कहा, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि विशेष रूप से उच्च जोखिम वाली आबादी के लिए कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा बनाए रखने के लिए अतिरिक्त खुराक आवश्यक हो सकती है।

वैक्सीन लगे लोगों को ओमिक्रॉन लहर के दौरान गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा: शोध

कुल मिलाकर, अध्ययन में बताया गया है कि एमआरएनए वैक्सीन की दूसरी और तीसरी खुराक वाले व्यक्तियों को आपातकालीन विभाग/तत्काल देखभाल (ईडी/यूसी) के दौरे या विजिट (ऐसे लक्षण जिनमें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं हो सकती है) की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने (गंभीर बीमारी) से अधिक सुरक्षा है।

डेल्टा अवधि की तुलना में ओमिक्रॉन अवधि के दौरान वैक्सीन प्रभावशीलता भी समग्र रूप से कम रही। बूस्टर मिलने के पहले दो महीनों के भीतर ईडी/यूसी दौरों के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता 97 प्रतिशत से घटकर चार महीने या उससे अधिक समय में डेल्टा-प्रमुख अवधि के दौरान 89 प्रतिशत प्रभावशीलता हो गई।

प्रेगनेंसी में कोरोना वैक्सीन लेने वाली महिलाओं के नवजात शिशुओं में दीर्घकालिक एंटीबॉडीज पाई गई: शोध

ओमिक्रॉन-प्रमुख अवधि के दौरान ईडी/यूसी विजिट्स के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता तीसरी खुराक के बाद पहले दो महीनों के दौरान 87 प्रतिशत थी, तीसरी खुराक के बाद चार महीनों में घटकर 66 प्रतिशत हो गई। तीसरी खुराक के बाद, डेल्टा वैरिएंट से जुड़े अस्पताल में भर्ती होने से सुरक्षा दो महीने के भीतर 96 प्रतिशत से घटकर चार महीने या उससे अधिक समय के बाद 76 प्रतिशत हो गई। पहले दो महीनों के दौरान ओमिक्रॉन वैरिएंट से जुड़े अस्पताल में भर्ती होने के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता 91 प्रतिशत रही, जो चार महीनों में घटकर 78 प्रतिशत हो गई।

इनपुट - आईएएनएस

Latest Health News