जिसे आप कूड़ा समझकर फेंक देते हैं उस आम के छिलके में छिपे हैं कई फायदे, जानेंगे तो डस्टबिन में नहीं डालेंगे
आम के छिलकों से आप अपनी हेल्थ और ब्यूटी से जुड़ी तमाम समस्याओं को दूर कर सकते हैं। आइए जानें आम के छिलकों के फायदे।
आम का सीजन चल रहा है आम खाने में जितना टेस्टी होता है उतने ही उसके फायदे भी हैं, मगर आज हम आपको आम नहीं बल्कि आम के छिलकों के फायदे बताने वाले हैं, जिन छिलकों को आप कूड़ा समझकर डस्टबिन में डाल देते हैं, उन छिलकों के इतने फायदे हैं जिसे पढ़ने के बाद आप अगली बार से इन छिलकों को फेंकना भूल जाएंगे। आम के छिलकों से आप अपनी हेल्थ और ब्यूटी से जुड़ी तमाम समस्याओं को दूर कर सकते हैं। आइए जानें आम के छिलकों के फायदे।
कैंसर से बचाता है आम का छिलका
आम के छिलकों में एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं, जो हमें कैंसर से बचाता है, आम के छिलके लंग्स कैंसर, कोलन कैंसर, ब्रेन कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर से हमें बचा सकता है। आम का छिलका पौधों में पाए जाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है।
हार्ट के लिए फायदेमंद है आम का छिलका
आम का छिलका दिल की सेहत के लिए भी अच्छा है और हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट जैसी दिल से संबंधी समस्याओं से भी हमें बचा सकता है।
टैनिंग दूर करता है आम का छिलका
इतना ही नहीं आम के छिलके से आप चेहरे की टैनिंग भी दूर कर सकेत हैं, इसके लिए मैंगो पील को अपनी टैनिंग वाली स्किन पर लगाएं और हाथों से मसाज करें। कुछ देर अगर आप इसे चेहरे पर लगाकर धो देंगे तो आपकी स्किन से टैनिंग हट जाएगी और स्किन में ग्लो लौट आएगा।
पाचन तंत्र करता है मजबूत
आम के छिलकों में फाइबर होता है जिससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है, इसमें विटामिन ए, सी के साथ एंटीऑक्सीडेंट के गुण भी होते हैं, जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत रखते हैं।
बगीचे के लिए बन सकती है खाद
आम में विटामिन ए, बी 6, सी के साथ आहार फाइबर, कॉपर, फोलेट आदि काफी मात्रा में होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी, ई, पॉलीफेनोल, कैरोटीनॉयड और फाइबर पौधों के लिए बहुत अच्छा होता है। तो इस गर्मी में अपने पौधों के लिए आम के छिलकों से बनी जैविक खाद का इस्तेमाल करें।
कैसे बनाएं खाद
आम खाने के बाद बचे हुए छिलकों के छोटे टुकड़े कर लें और एयरटाइट जार में रख दें, इसमें एक गिलास पानी डालें और ढक्कन को बंद करके 24 घंटे के लिए छोड़ दें, और फिर उसमें एक गिलास पानी डालकर दोबारा 24 घंटे वेट करें। तीसरे दिन इस लिक्विड को छान लें और उस पानी को अपने पौधों में डालें, आपके पौधे खिल उठेंगे।