हरियाणा चुनाव में राम रहीम के पैरोल का कितना रहा असर, BJP या कांग्रेस किसे मिला ज्यादा फायदा?
राम रहीम को चुनाव से ठीक 4 दिन पहले 20 दिनों को पैरोल दी गई, जिसके बाद काफी बवाल हुआ, लेकिन इसका फायदा किस पार्टी को अधिक हुआ?
हरियाणा विधानसभा चुनाव में तीसरी बार लगातार जीत कर बीजेपी ने करीबन 40 साल बाद इतिहास रच दिया है। बीजेपी ने गिनती के दौरान ही सीएम पद को लेकर नायब सिंह सैनी का नाम फाइनल कर दिया है। चुनाव के दौरान कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने सैनी सरकार पर लगातार हमले बोले थे, इनमें सबसे ज्यादा लताड़ बीजेपी सरकार को डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम की बेल देने पर मिली थी।
दी गई थी 20 दिन की पैरोल
दरअसल जेल काट रहे गुरमीत राम रहीम को विधानसभा चुनाव से ठीक चार दिन पहले 20 दिन की पैरोल दे दी गई। ऐसे में विपक्षी दलों ने राज्य की बीजेपी सरकार को रेप और मर्डर के दोषी को चुनाव में समर्थन दिलाने के लिए पैरोल देने का आरोप लगाया। हालांकि रिजल्ट ने स्पष्ट कर दिया कि इसका फायदा अकेले बीजेपी को नहीं हुआ है।
कहां कितनी पर किसे फायदा?
डेरा समर्थकों के 28 विधानसभा क्षेत्रों में से 15 पर कांग्रेस, 10 पर बीजेपी, 2 पर इनेलो और एक पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है। इन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को 53.57 फीसदी, बीजेपी को 35.71 फीसदी, इनेलो को 7 फीसदी और निर्दलीय को 3.57 फीसदी वोट मिले हैं। इन सीटों पर कांग्रेस को ज्यादा फायदा दिखाई दे रहा है, कारण यह भी हो सकता है कि कांग्रेस के अधिकतर नेता ने पैरोल के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं की।
किन सीटों पर कांग्रेस की जीत?
कैथल, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार और करनाल सहित राज्य के 6 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर बीजेपी से अधिक कांग्रेस को लाभ हुआ, कांग्रेस ने रतिया, फतेहाबाद,टोहाना(यहां डेरा समर्थकों की संख्या अधिक है),कलात, शाहाबाद, कैथल, पेहोवा, थानेसर, कलमवाली, ऐलनाबाद, सिरसा, आदमपुर, नारनौंद और उकलाना में जीत हासिल हुई।
इन सीटों पर बीजेपी व अन्य को की जीत
बीजेपी को बरवाला, हांसी, नलवा, हिसार, घरौंदा, असंध, इंदी, लाडवा, नीलोखेड़ी और पुंडरी सीट पर जीत मिली। वहीं, इनेलो रानिया और डबवाली में जीत हासिल की तो हिसार में सावित्रा जिंदल को फतह मिली।
किया था इस पार्टी को समर्थन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेरा सच्चा प्रमुख की ओर से डेरा पदाधिकारियों को बीजेपी को वोट देने का निर्देश मिला था। ऐसी खबरें आ रही हैं कि यह निर्देश चालाकी से सत्संग के दौरान दिया गया था, जिसमें प्रत्येक अनुयायी से बूथ पर कम से कम 5 वोटर को लाने को कहा गया था। ऐसा पहली बार नहीं कि डेरा ने किसी पार्टी को समर्थन दिया है। डेरा ने इससे पहले शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस को भी अपना समर्थन दिया है। 2007 के चुनाव में पंजाब विधानसभा चुनाव में डेरा ने कांग्रेस को खुला समर्थन दिया था, वहीं, 2014 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन दिया था।
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