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Hindi News हरियाणा Video: पहले मुख्यमंत्री फिर बने विधायक, नायब सिंह सैनी ने ली शपथ

Video: पहले मुख्यमंत्री फिर बने विधायक, नायब सिंह सैनी ने ली शपथ

खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद करनाल के विधायक के रूप में इस्तीफा दिया था जिसके बाद उपचुनाव जरूरी हो गया था। सैनी ने 12 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

Nayab Singh Saini- India TV Hindi Image Source : X/NAYABSINGHSAINI नायब सिंह सैनी

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को विधायक के रूप में शपथ ली। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें विधायक के रूप में शपथ दिलाई। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने अपने कक्ष में भाजपा नेता को शपथ दिलाई। सैनी ने हाल में करनाल विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के तरलोचन सिंह को हराया है। पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कर रहे थे। खट्टर ने भी 2019 के विधानसभा चुनाव में यहां से तरलोचन सिंह को हराया था। 

कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद सैनी ने खट्टर की जगह मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद करनाल विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ा था। खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद करनाल के विधायक के रूप में इस्तीफा दिया था जिसके बाद उपचुनाव जरूरी हो गया था। सैनी ने 12 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। खट्टर ने करनाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की है। हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2024 के साथ करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी हुआ। लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों को 5-5 सीटें मिलीं। वहीं, विधानसभा उपचुनाव में नायब सिंह सैनी ने जीत हासिल की। अब वह अक्टूबर 2024 तक राज्य के मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं।

हरियाणा में जल्द होंगे विधानसभा चुनाव

हरियाणा में अक्टूबर 2024 या उससे पहले विधानसभा चुनाव होना है। राज्य की सभी 80 सीटों के लिए मतदान के बाद नई सरकार का गठन होगा। ऐसे में नायब सिंह सैनी की सरकार का कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं है। हालांकि, आगामी चुनाव में बीजेपी की जीत होने पर वह अगले पांच साल के लिए सत्ता में आ सकते हैं, लेकिन हरियाणा में जीत हासिल करना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा। लोकसभा चुनाव में भी यहां कांग्रेस ने बीजेपी को कांटे की टक्कर दी है।

मुख्यमंत्री को 6 महीने के अंदर चुनाव जीतना जरूरी

नियम के अनुसार अगर किसी ऐसे नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाता है, जो विधायक नहीं है। इस स्थिति में मुख्यमंत्री को 6 महीने के अंदर चुनाव जीतना जरूरी हो जाता है। यह नियम मुख्यमंत्री के अलावा भी उन सभी नेताओं पर लागू होता है, जो विधानसभा चुनाव नहीं जीते हैं, लेकिन उन्हें राज्य सरकार में कोई जिम्मेदारी दी गई है। विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने पर विधान परिषद से चुनाव जीतना जरूरी होता है।