चण्डीगढ़: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने किसानों को उनकी आय बढ़ाने के लिए परंपरागत खेती छोड़ने की सलाह दी है। कृषि मंत्री ने कहा कि कहा कि किसान परंपरागत खेती करने की बजाय सब्जी, फल, फूल, बागवानी उत्पादन, पशुपालन व मछली पालन जैसे व्यवसाय को अपनाएं, ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सकें। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसान जैविक खेती के साथ अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। कृषि मंत्री शुक्रवार को हिसार के गांव गावड़ में गौ आधारित कृषि एवं किसान फार्म प्रदर्शनी के अवसर किसानों को संबोधित कर रहे थे।
‘जैविक खेती स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर’
कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री दलाल के अलावा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा, विधायक भव्य बिश्रोई, गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग भी मौजूद रहे। कृषि मंत्री ने प्रदर्शनी के दौरान 5 प्रगतिशील किसानों व प्राकृतिक खेती को लेकर कार्य करने वाले नागरिकों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि जैविक खेती कमाई के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर साबित हुई है। जैविक खेती को करने के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ फसलों में ज्यादा कीटनाशकों के प्रयोग से होने वाले नुकसान के बारे में लगातार जागरूक किया जा रहा है।
‘किसानों की मदद कर रही केंद्र सरकार’
कृषि मंत्री दलाल ने कहा कि प्रदेश में मछली पालन व्यवसाय के लिए सरकार द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि किसान मछली पालन व्यवसाय की ओर बढ़े। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत जलीय कृषि करने वाले किसानों को 60 प्रतिशत तक अनुदान, बैंक ऋण तथा बीमा सहित अन्य कई प्रकार की सुविधाएं दी जा रही हैं। बता दें कि देश के कई इलाकों में किसानों ने परंपरागत खेती छोड़ दूसरे व्यवसायों की तरफ ध्यान दिया और उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है।
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