प्रदर्शनकारी पहलवानों ने रविवार को कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लड़ाई अब सड़कों पर नहीं, बल्कि कोर्ट में लड़ी जाएगी। पहलवानों ने एक दिन पहले ही यह दावा किया था कि वे अपना आंदोलन फिर से शुरू करने के लिए सड़कों पर उतर सकते हैं। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने एक जैसे ट्वीट पोस्ट किए, जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने का अपना वादा पूरा किया है। तीनों पहलवानों ने टि्वटर पर एक बयान में कहा, ‘‘इस मामले में पहलवानों का संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, लेकिन यह लड़ाई अदालत में होगी, सड़क पर नहीं। डब्ल्यूएफआई में सुधार के संबंध में वादे के मुताबिक चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है। हम 11 जुलाई के चुनाव को लेकर सरकार द्वारा किए गए वादों के पूरा होने का इंतजार करेंगे।’’
विनेश और साक्षी ने यह बयान पोस्ट करने के कुछ मिनट बाद ट्वीट किया कि वे कुछ दिन के लिए सोशल मीडिया से ‘ब्रेक’ ले रहे हैं। एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट मिलने के लिए साथी पहलवानों के विरोध का सामना कर रहे आंदोलनकारी पहलवानों ने शनिवार को आईओए के तदर्थ पैनल से इस तरह की छूट की मांग करने से इनकार किया और कहा कि अगर यह साबित हो गया तो वे कुश्ती छोड़ देंगे।
लंदन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और बीजेपी के नेता योगेश्वर दत्त ने शुक्रवार को तदर्थ पैनल के फैसले पर सवाल उठाए थे कि क्या ये पहलवान इस तरह की छूट हासिल करने के लिए ही विरोध कर रहे थे। उन्होंने जूनियर पहलवानों, उनके कोच और अभिभावकों से इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही थी। बजरंग, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट की तिकड़ी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर 40 मिनट के अपने संबोधन में दावा किया था कि बृजभूषण के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी और वे बृजभूषण के खिलाफ दायर आरोपपत्र का मूल्यांकन करने के बाद विचार करेंगे कि इस लड़ाई को कैसे जारी रखा जाए।
(इनपुट- भाषा)