नूह गैंगरेप और दोहरे हत्याकांड के मामले में पंचकूला कोर्ट ने चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई है। साढ़े सात साल पहले हुए इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया था। मामले में कुल 10 आरोपी न्यायिक हिरासत में थे। सीबीआई की विशेष कोर्ट ने इनमें से छह को बरी कर दिया है, जबकि चार को फांसी की सजा चुनाई है। बरी किए गए आरोपियों को लेकर पीड़ित परिवार ने हाई कोर्ट में अपील करने का फैसला किया है। पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई कोर्ट ने इस मामले के चारों दोषियों विनय उर्फ लंबू, जयभगवान, हेमंत चौहान और अयान चौहान को फांसी की सजा सुनाई है।
10 अप्रैल 2024 को सीबीआई कोर्ट द्वारा इन चारों को दोषी करार दिया गया था जबकि 6 आरोपियों (तेजपाल, अमित, रविंद्र, कर्मजीत, संदीप और राहुल वर्मा) को सीबीआई कोर्ट ने बरी किया था। एक आरोपी अमरजीत पैरोल पर आने के बाद फरार हो गया था, जिसकी गिरफ्तारी अभी बाकी है। आरोपियों को आईपीसी की धारा 376D, 302, 325, 326, 397, 459, 460 और पोस्को एक्ट के तहत दोषी करार दिया गया था।
क्या है पूरा मामला?
2016 में 24-25 अगस्त की रात नूह के तावडू में डिंगरहेडी गांव में रहने वाले एक परिवार पर बदमाशों ने हमला कर दंपति की हत्या कर दी थी और नाबालिग समेत दो महिलाओं के साथ दुष्कर्म भी किया गया था। "कुल्हाड़ी गैंग" के बदमाश परिवार के पांच लोगों को घायल कर खून से लथपथ वहीं छोड़कर भाग गए थे। इस घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। मामले की जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई। जांच के दौरान दूसरे समुदाय के चार युवकों को गिरफ्तार किया गया और आरोपी बनाया गया। इसके बाद पूरे इलाके में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। अंत में पूरे मामले की जांच सीबीआई के पास पहुंची। सीबीआई ने कुल 12 लोगों को आरोपी बनाया। इनमें से एक ने बाद में आत्महत्या कर ली।
(नूह से उमंग विजय की रिपोर्ट)
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