चंडीगढ़ः हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले बड़े उलटफेर के संकेत मिल रहे हैं। दरअसल, नायब सैनी सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस के खेमे में चले गए हैं। जानकारी के अनुसार, दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान, नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर और पुंडरी से रणधीर गोलन ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है। खबर है कि बादशाहपुर से विधायक राकेश दौलताबाद भी कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं। पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदय भान के साथ तीनों निर्दलीय विधायकों ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। हालांकि राकेश दौलताबाद पीसी में नहीं पहुंचे।
धर्मपाल गोंदर ने कही ये बात
निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर ने कहा कि जिस समय बीजेपी सरकार बनाने के लिए हमारे समर्थन की जरूरत थी, हमें बार-बार बुलाया गया। हमने तय किया था कि जब तक मनोहरलाल खट्टर सत्ता में हैं हम समर्थन करेंगे। दुख है कि वह अब सत्ता में नहीं हैं। किसानों के हित में हम सरकार से समर्थन वापस लेते हैं।
हरियाणा में बीजेपी के पास कितनी ताकत
हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के पास 40 विधायक हैं जबकि दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। एक हलोपा विधायक गोपाल कांडा का भी सरकार को समर्थन हासिल है। वर्तमान में विधानसभा में 88 विधायक हैं। सरकार को बहुमत के लिए 45 विधायकों का समर्थन चाहिए लेकिन अब बीजेपी सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन ही है।
विपक्ष के पास कितने विधायक
हरियाणा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के 10 विधायक और तीन निर्दलीय विधायक सरकार के खिलाफ हैं। इसके अलावा इनेलो का एक विधायक भी है। हालांकि इनेलो ने अभी यह साफ नहीं किया है कि वो किसका समर्थन करेगा।
क्या कहते हैं सीएम सैनी
इस संबंध में जब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापसी की जानकारी मिली है। शायद कांग्रेस कुछ लोगों की इच्छाओं को पूरा करने में लगी हुई है। अब कांग्रेस को जनता की इच्छाओं से कोई लेना-देना नहीं है।
विधानसभा में किसके कितने विधायक
- बीजेपी-40
- कांग्रेस-30
- जेजेपी-10
- निर्दलीय-06
- हलोपा-01
- इनेलो-01