मोनू मानेसर को राजस्थान से लाया जाएगा गुरुग्राम, कोर्ट ने पेशी वारंट किया जारी; जानें पूरा मामला
राजस्थान से मोनू मानेसर को गुरुग्राम लाया जाएगा। गुरुग्राम पुलिस मोनू को पटौदी पुलिस थाने में उसके खिलाफ दर्ज एक मामले में पेशी वारंट के आधार पर राजस्थान से यहां लाएगी।
मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव को राजस्थान से गुरुग्राम लाया जाएगा। गुरुग्राम पुलिस ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। गुरुग्राम पुलिस मोनू मानेसर को पटौदी पुलिस थाने में उसके खिलाफ दर्ज एक मामले में पेशी वारंट के आधार पर राजस्थान से यहां लाएगी। पुलिस ने एक बयान में कहा कि मानेसर के खिलाफ यहां भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 147 (दंगा) के तहत प्राथमिकी दर्ज है।
मोनू मानेसर को लाया जाएगा पटौदी पुलिस थाना
एक अदालत ने शनिवार को आदेश दिया कि मामले की जांच के लिए मोनू मानेसर को 25 सितंबर को पेशी वारंट पर पटौदी पुलिस थाना लाया जाए। राजस्थान पुलिस ने मोनू मानेसर पर नासिर (25) और जुनैद (35) की हत्या का मामला दर्ज किया है। उस पर कुछ लोगों ने हरियाणा के नूंह में हाल में हुई हिंसा को भी भड़काने का आरोप लगाया था। मानेसर को मंगलवार को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। नूंह की एक अदालत से राजस्थान पुलिस ने उसका ट्रांजिट रिमांड हासिल किया था, जिसके बाद उसे पड़ोसी राज्य की पुलिस को सौंप दिया गया था।
नूंह हिंसा से पहले मोनू का वीडियो आया था सामने
बता दें कि नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा से पहले मानेसर का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उसने बताया था कि वह बृज मंडल जलाभिषेक शोभायात्रा में शामिल होगा और उसने लोगों से भी इसमें शामिल होने की अपील की थी। हरियाणा के नूंह में विहिप के नेतृत्व वाली इस यात्रा पर भीड़ ने हमला कर दिया था। इस हिंसा में नूंह और गुरुग्राम के छह लोग मारे गए थे। कई दिनों तक नूंह और आस-पास के जिलों में तनाव रहा। इसके मद्देनजर प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू करने के साथ मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर बैन लगा दिया था। उस वक्त तहरियाणा पुलिस ने कहा था कि हिंसा में मानेसर की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
नसीर-जुनैद की हत्या में मोनू की भूमिका का आरोप
इससे पहले राजस्थान पुलिस ने हरियाणा के भिवानी के लोहारू में दो व्यक्तियों नसीर और जुनैद के शव जली हुई कार में मिलने के बाद 16 फरवरी को मानेसर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। मृतक, राजस्थान के भरतपुर जिले के निवासी थे, जिनका कथित तौर पर गौरक्षकों ने अपहरण कर लिया था और इसके बाद वे राजस्थान की सीमा पार कर हरियाणा में घुस गए थे। राजस्थान पुलिस ने पिछले महीने बताया था कि साजिश रचने और अपराध को बढ़ावा देने में मानेसर की भूमिका "सक्रिय जांच के दायरे" में थी।