गौरक्षक मोनू मानेसर पुलिस की हिरासत में है। पुलिस ने बताया कि मोनू मानेसर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह में शामिल होना चाहता था। राजस्थान पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है। पुलिस को लॉरेंस बिश्नोई और मोनू मानेसर के बीच हुआ एक वीडियो चैट मिला जो कि साल 2022 का बताया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि लगभग एक साल पहले मानेसर और बिश्नोई बातचीत हुई थी।
लॉरेंस बिश्नोई और मोनू मानेसर के बीच हुई बातचीत
राजस्थान के डीग के पुलिस अधीक्षक (SP) ब्रिजेश ज्योति उपाध्याय ने कहा कि मोनू और लॉरेंस बिश्नोई के बीच की वीडियो चैट हरियाणा पुलिस को मिली है। एसपी ने बताया कि मानेसर और बिश्नोई के बीच की वीडियो चैट मोनू की गिरफ्तारी के बाद बिश्नोई के मोबाइल फोन से मिली थी। मानेसर का असली नाम मोहित यादव है और वह बजरंग दल का सदस्य है। मोनू को नूंह पुलिस ने 26 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप में 12 सितंबर को गिरफ्तार किया था। बाद में उसे फरवरी में राजस्थान के दो मुस्लिम व्यक्तियों, जुनैद और नासिर की हत्या के मामले में राजस्थान पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
Image Source : Social Mediaवीडियो कॉल पर मोनू मानेसर और लॉरेंस बिश्नोई।
क्या था वीडियो में?
“वीडियो में मोनू को बिश्नोई से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह उसके गिरोह में शामिल होना चाहता है। बिश्नोई ने उस वक्त इस पर कुछ नहीं कहा था और बिश्नोई ने गौरक्षकों के काम के लिए मानेसर की तारीफ की थी।'' पुलिस ने कहा कि ये छोटा सा वीडियो उन्हें मिला था। 29 वर्षीय मानेसर को डीग पुलिस ने 12 सितंबर को हरियाणा से प्रोडक्शन रिमांड पर लिया और हत्या सहित IPC की अन्य धाराओं के तहत गिरफ्तार किया।
(कपिल चीमा की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें:
हरियाणा: नूंह में फिर 19 सितंबर तक इंटरनेट और SMS सेवाएं की गईं बंद, जानिए क्यों लिया गया फैसला
मामन खान की गिरफ्तारी के बाद नूंह में धारा 144 लागू, दो दिनों तक इंटरनेट रहेगा बंद