हरियाणा के करनाल में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (NDRI) के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हम केवल करनाल नहीं, बल्कि पूरा देश NDRI पर गर्व करता है। अगर हमें किसानों की आय बढ़ानी है, तो कृषि के साथ-साथ पशुपालन जैसे क्षेत्रों में तेजी से काम करना होगा। उन्होंने NDRI द्वारा विकसित की गई नई पशु नस्ल की भी सराहना की, जिसे उन्होंने वास्तव में अद्भुत और अभूतपूर्व बताया। चौहान ने कहा कि प्रौद्योगिकी का उपयोग करके NDRI दूध उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति ला रहा है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और निकट भविष्य में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, जिसमें पशुपालन और कृषि दोनों का महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने यह बयान कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के बाद करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) में गन्ना किसानों और ‘लखपति दीदियों’ के साथ संवाद कार्यक्रम में दिया।
"कृषि क्षेत्र में कई बदलाव जरूरी"
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि किसानों की आय दोगुनी हो और इसके लिए कृषि क्षेत्र में कई बदलाव जरूरी हैं। उन्होंने फसल विविधीकरण की वकालत करते हुए कहा, "किसानों की आय बढ़ाने के लिए फलों, फूलों, औषधीय पौधों, कृषि वानिकी, पशुपालन, मधुमक्खी पालन और मत्स्य पालन को बढ़ावा देना चाहिए।" उन्होंने जोर दिया कि कृषि में नई तकनीकी का इस्तेमाल कर उत्पादन बढ़ाना होगा।
कृषि मंत्री ने यह भी कहा, "अच्छे बीज और खेती में विविधता लानी होगी। केवल पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर फल, फूल, औषधीय पौधों के साथ-साथ पशुपालन और डेयरी को भी बढ़ावा देना होगा।" उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया, वहीं अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘जय विज्ञान’ और प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जय अनुसंधान’ का नारा दिया, जो देश की विकास यात्रा को दर्शाता है। (भाषा)
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