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Hindi News हरियाणा विधानसभा चुनावों का ऐलान होते ही JJP को बड़ा झटका, दुष्यंत चौटाला के करीबी विधायक ने छोड़ दी पार्टी

विधानसभा चुनावों का ऐलान होते ही JJP को बड़ा झटका, दुष्यंत चौटाला के करीबी विधायक ने छोड़ दी पार्टी

हरियाणा विधानसभा चुनावों के ऐलान के साथ, JJP के विधायक और पूर्व मंत्री अनूप धानक ने पार्टी और तमाम पदों से इस्तीफा दे दिया है, जो दुष्यंत चौटाला के लिए बड़ा झटका है।

Haryana Assembly Elections, Dushyant Chautala, Anoop Dhanak- India TV Hindi Image Source : PTI FILE विधानसभा चुनावों के ऐलान के साथ ही दुष्यंत चौटाला को बड़ा झटका लगा है।

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का ऐलान होते ही जननायक जनता पार्टी (JJP) को एक बड़ा झटका लगा है। सूबे के उकलाना से पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री अनूप धानक ने JJP से अपने तमाम पदों से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि अनूप धानक पूर्व में बीजेपी-जेजेपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं और दुष्यंत चौटाला परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं। अनूप धानक के इस्तीफे को विधानसभा चुनावों से ठीक पहले पार्टी के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।

एक अक्टूबर को चुनाव, 4 को आएंगे नतीजे

बता दें कि हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीटों पर एक अक्टूबर को मतदान होगा और 4 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार को चुनाव कार्यक्रम घोषणा की। चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक, हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 5 सितंबर को जारी होगी तथा नामांकन 12 सितंबर तक दाखिल किए जा सकते हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक, नामांकन की छानबीन 13 सितंबर को जाएगी तथा नाम वापसी की आखिरी तारीख 16 सितंबर होगी। कुमार ने बताया कि मतदान एक चरण में एक अक्टूबर को होगा तथा 4 अक्टूबर को मतगणना होगी। 

Image Source : India TVअनूप धानक को दुष्यंत चौटाला के करीबियों में गिना जाता था।

लोकसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस में थी टक्कर

बता दें कि हरियाणा में वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। इसका कार्यकाल 3 नवंबर को पूरा हो रहा है। प्रदेश में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में बीजेपी ने JJP के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई थी। तब BJP नेता मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री जबकि JJP के दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बने थे। हालांकि लोकसभा चुनाव में सीट साझेदारी को लेकर असहमति के बाद यह गठबंधन टूट गया था। बाद में BJP ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन के दम पर अपनी सरकार बचा ली। कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से BJP और कांग्रेस को 5-5 सीटें मिली थीं।