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हरियाणा में जारी रहेगा गर्मी का कहर, अब प्री-मानसून ही देगा राहत

हरियाणा में लगातार अधिकतम तापमान 45 डिग्री के पार जा रहा है। राज्य में लू का अलर्ट भी जारी किया गया है। वहीं, बारिश की कमी किसानों की परेशानी बढ़ा रही है।

Representative Image- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा में भीषण गर्मी के चलते परेशानियां बढ़ रही हैं। राज्य में जून के महीने में अब तक औसत से 87 फीसदी कम बारिश हुई है। इसका असर खेती पर भी देखने को मिल सकता है। वहीं, मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों के लिए लू का अलर्ट भी जारी किया है। हरियाणा के अधिकतर जिलों में अधिकतम तापमान 45 डिग्री के पार जा रहा है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक आगामी दिनों में किसानों को सिंचाई के लिए बिजली भी दी जाएगी। इससे बिजली संकट भी आ सकता है।

हरियाणा में सबसे ज्यादा गर्मी नूंह में पड़ रही है। यहां का अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से 7.5 डिग्री ज्यादा है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में भी गर्मी से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं। 18 तारीख तक लोगों को भीषण गर्मी झेलनी पड़ सकती है। 19 जून से प्री मानसून की बारिश राहत दे सकती है। इसके बाद मानसून के आने पर राज्य में हालात बेहतर होने के आसार हैं।

शनिवार को अधिकतर जगहों पर पारा 45 डिग्री के पार

शनिवार को भी हरियाणा के लोगों को भीषण गर्मी से कोई राहत नहीं मिली। पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ भी भीषण गर्मी की चपेट में है, जहां अधिकतम तापमान 43.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हरियाणा के नूंह में अधिकतम तापमान 46.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रोहतक और सिरसा में अधिकतम तापमान क्रमश: 45.3 और 45.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, गुरुग्राम में अधिकतम पारा 44.1 डिग्री और फरीदाबाद में 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पंजकीला सबसे ठंडा रहा। यहां अधिकतम तापमान 42.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

कम बारिश से परेशानी

हरियाणा कृषि में अगृणी राज्य है, जहां बड़े पैमाने पर खेती होती है। किसानों को खेती के लिए जून के महीने से ही पानी की जरूरत होती है, लेकिन इस साल अब तक हरियाणा में बारिश नहीं हुई है। राज्य में 1-15 जून के बीच औसतन 17.2 मिलीमिटर बारिश होती है। हालांकि, अब तक यहां 2.3 मिली मीटर बारिश ही हुई है। 87 फीसदी कम बारिश के चलते किसान बोरवेल से पानी भरकर इसकी कमी पूरी करेंगे, लेकिन इस वजह से बिजली की खपत बढ़ेगी और बिजली विभाग कटौती कर सकता है।