हरियाणा में किसानों का विरोध प्रदर्शन, फिर किया दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे जाम, जानिए किस बात पर मचा है बवाल
किसानों ने ट्रैक्टर खड़े कर चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया और सर्विस रोड पर धरने पर बैठ गए। वहीं, लंगर भी हाईवे पर ही शुरू कर दिया।
कुरुक्षेत्र (हरियाणा): सूरजमुखी के बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य मांगों को लेकर सोमवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिपली में किसानों ने हाईवे जाम किया हुआ है। किसानों ने ट्रैक्टर खड़े कर चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया और सर्विस रोड पर धरने पर बैठ गए। वहीं, लंगर भी हाईवे पर ही शुरू कर दिया। किसानों का कहना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक जाम जारी रहेगा। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने अपनी दो मांगें बताई हैं। उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा किया जाए और एमएसपी पर सूरजमुखी के बीज खरीदना शुरू करें। टिकैत का कहना है कि जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तब तक हम बैठे रहेंगे। लोकल कमेटी सरकार से बातचीत कर रही है देखते हैं क्या निर्णय होता है। हम लोकल कमेटी के साथ हैं जो वह फैसला लेंगे वही हमें मानना होगा। टिकैत का कहना था कि सभी लोग यही पूछते हैं कि आपने हाईवे जाम कर दिया लोग परेशान हो रहे हैं लेकिन यह नहीं देखते कि किसानों को उनकी फसल का दाम नहीं मिल रहा है।
बता दें कि पिपली में आयोजित महापंचायत में शामिल होने के वास्ते आज बड़ी संख्या में किसान एकत्रित हुए हैं। महापंचायत में विभिन्न खाप के नेताओं और राकेश टिकैत के अलावा, भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया भी मौजूद थे। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) द्वारा बुलाई गई "एमएसपी दिलाओ, किसान बचाओ महापंचायत" पिपली में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के पास एक अनाज मंडी में आयोजित की गई। इस राजमार्ग को कुछ दिनों पहले किसानों ने यह मांग करते हुए अवरुद्ध कर दिया था कि सरकार सूरजमुखी के बीज एमएसपी पर खरीदे।
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसानों ने 6 जून को शाहाबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को इस मांग के साथ छह घंटे से ज्यादा समय तक जाम कर दिया था कि सरकार सूरजमुखी के बीज MSP पर खरीदे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का इस्तेमाल किया था और लाठीचार्ज किया था। बाद में, बीकेयू (चढूनी) के अध्यक्ष सहित इसके नौ नेताओं को दंगा और गैर-कानूनी सभा सहित विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। महापंचायत को संबोधित करते हुए, कुछ किसान नेताओं ने सरकार की उसकी "किसान विरोधी" नीतियों और किसान नेताओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए आलोचना की। उन्होंने मांग की कि सरकार एमएसपी पर सूरजमुखी के बीज खरीदे और हाल ही में शाहाबाद में गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा किया जाए। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
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बीकेयू नेताओं ने महापंचायत को सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए रविवार रात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को 36,414 एकड़ में उगने वाले सूरजमुखी के लिए 8,528 किसानों को अंतरिम मुआवजे के रूप में 29.13 करोड़ रुपये जारी किए थे। किसान मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार सूरजमुखी को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे। भावांतर भरपाई योजना के तहत राज्य सरकार एमएसपी से नीचे बेची जाने वाली सूरजमुखी की फसल के लिए अंतरिम समर्थन के रूप में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है।
(रिपोर्ट- अमित भटनागर)