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हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: कैथल में सुरजेवाला ले पाएंगे हार का बदला या फिर खिलेगा 'कमल', जानें समीकरण

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस बार कैथल विधानसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला होने के आसार हैं। इस सीट को सुरजेवाला परिवार का गढ़ माना जाता है।

Haryana Assembly Elections, kaithal- India TV Hindi Image Source : INDIA TV हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: कैथल

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही सियासी दलों ने चुनावी मैदान में उतरने के लिए अपनी कमर कस ली है। हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में से एक सीट कैथल की भी है। इस सीट को सुरजेवाला परिवार का गढ़ माना जाता है। हालांकि पिछली बार बीजेपी कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने में सफल रही थी। कांग्रेस के कद्दावर नेता रणदीप सुरजेवाला इस सीट से चुनाव हार गए थे। अब 2024 के विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है और जनता को तय करना है कि वह इस सीट से किसे विजयी बनाती है।

हरियाणा में एक चरण में होगी वोटिंग

हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। चुनाव आयोग ने इन सभी 90  सीटों पर एक चरण में वोटिंग कराने का ऐलान किया है। इसके लिए 5 सितंबर को अधिसूचना जारी होगी तथा 12 सितंबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं। वहीं नाम वापसी की आखिरी तारीख 16 सितंबर होगी। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए एक अक्टूबर को मतदान होना है। नतीजे 4 अक्तूबर को आएंगे। 

2019 के चुनाव नतीजे

2019 के चुनाव में हरियाणा में भारतीय जना पार्टी और दुष्यंत चौटला की जेजेपी ने मिलकर सरकार बनाई थी। उस चुनाव में कैथल सीट से बीजेपी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। बीजेपी के लीलाराम को कुल  72667 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस उम्मीदार रणदीप सुरजेवाला को 71418 वोट हासिल हुए थे। यहां हार जीत का अंतर करीब 1200 वोटों का था। वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से रणदीप सुरजेवाला ने जीत दर्ज की थी।

हरियाणा में कुल 2.01 करोड़ मतदाता

बता दें कि हरियाणा में कुल 2.01 करोड़ मतदाता हैं जिनमें से 95 लाख महिलाएं हैं। सूबे में मौजूदा समय में बीजेपी की सरकार है और इसका कार्यकाल 3 नवंबर को पूरा हो रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में बीजेपी ने जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई थी। हालांकि लोकसभा चुनाव में सीट साझेदारी को लेकर असहमति के बाद यह गठबंधन टूट गया था। बाद में BJP ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन के दम पर अपनी सरकार बचा ली। अब देखना है कि बीजेपी हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाती है या एक फिर कांग्रेस यहां सरकार बनाने में कामयाब होती है।