इस साल 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड। इसे लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियां कर रही है। जहां जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में 8 अक्तूबर तक चुनाव संपन्न हो जाएंगे। वहीं महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव नवंबर में होंगे। हरियाणा में चुनाव को लेकर पार्टियां जबरदस्त प्रचार-प्रसार में जुटी हुई हैं। यहां सीधे तौर पर BJP और कांग्रेस में टक्कर है जबकि इस बार आम आदमी पार्टी भी हरियाणा में अपना दांव पेश कर रही है।
अटेली सीट पर अहीर जाती का दबदबा
अब हरियाणा के अटेली विधानसभा की बात करें तो यह सीट हरियाणा में काफी अहम मानी जाती है। इस बार इस सीट पर बीजेपी ने राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव को टिकट दिया है तो वहीं, कांग्रेस ने अपनी दिग्गज नेता अनिता यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। आम आदमी पार्टी ने भी इस सीट से अपने कैंडिडेट को उतारा है और इस बार 'आप' ने सुनील यादव के उम्मीदवारी पर भरोसा जताया है। अब अगर आप इन तीनों नामों को देखें तो आपको इनमें एक चीज कॉमन मिलेगी और वह है इन तीनों की जाती। तीनों पार्टियों के उम्मीदवार अहीर जाती के हैं। तो यह बात तो साफ है कि यहां पर यादव वोटों का दबदबा है। इस सीट पर यादवों के वोट ही निर्णायक माने जाते हैं इसलिए तीनों पार्टियों ने अपनी तरफ से यादव उम्मीदवारों को ही टिकट दिया है।
दो बार से इस सीट पर जीत रही BJP
अगर आप पिछले चुनावों के भी आंकड़ों को देखें तो यहां पर जीतने वाले उम्मीदवार यादव ही थे। साल 2019 में BJP से सीताराम यादव ने जीत हासिल की थी, जिन्हें 55793 वोट मिले थे। इस समय दूसरे पायदान पर बीएसपी के कैंडिडेट अतर लाल थे। जिन्हें 37837 वोट मिले थे। इससे आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि अटेली सीट पर अहीर वोटों के अलावा दलित वोटों की भी अच्छी-खासी संख्या है। अब यह मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है, जिसमें असली लड़ाई भाजपा-कांग्रेस और बसपा के बीच देखी जाएगी। अतरलाल ने पिछले विधानसभा में अच्छा प्रदर्शन किया था, इसलिए उनके जीत का भी चांस बन सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि आखिर अटेली की जनता अगले पांच सालों के लिए किस पार्टी को चुनती है। इससे पहले भी साल 2014 में बीजेपी के संतोष यादव को इस सीट से जीत मिली थी। जिन्होंने कांग्रेस की अनिता यादव को हराया था।
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