हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है। हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर एक ही फेज में 1 अक्टूबर को चुनाव कराए जाएंगे। इन सीटों में एक हाई प्रोफाइल निवार्चन क्षेत्र गुड़गांव है। गुड़गांव देश की राजधानी दिल्ली से सटा है, जिसे आईटी सिटी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पंजाबी मतदाता सबसे ज्यादा हैं और दूसरे नंबर पर वैश्य समुदाय के लोग हैं। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी 10 सालों से सत्ता में काबिज है और हैट्रिक लगाने के लिए जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश में जुटी हुई है। पिछले दो चुनावों से बीजेपी ने वैश्य समुदाय को ही टिकट दिया है और दोनों चुनाव जीते हैं।
बीजेपी तीसरी बार भी गुड़गांव सीट पर वैश्य समाज के किसी चेहरे को टिकट देती है या पार्टी इस बार पंजाबी चेहरे पर दांव खेलेगी या फिर इस बार किसी अन्य जाति को मौका दिया जा सकता है। पार्टी के अंदर और बाहर इसे लेकर चर्चा है कि गुड़गांव की सीट किसके खाते में जाएगी? गुड़गांव के मौजूदा विधायक सुधीर सिंगला हैं, जो वैश्य समाज से आते हैं। इससे पहले 20214 के चुनाव में बीजेपी से उमेश अग्रवाल ने गुड़गांव से चुनाव जीता था।
पिछले चुनाव के क्या रहे नतीजे?
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में गुड़गांव से हरियाणा के पूर्व मंत्री रहे सीताराम सिंगला के बेटे सुधीर सिंगला पर बीजेपी ने दांव खेला था। तब सुधीर सिंगला सियासत में बिल्कुल नए थे। सुधीर सिंगला ने निर्दलीय प्रत्याशी मोहित मदनलाल ग्रोवर को करीब 50 हजार वोटों से हराया था। इससे पहले 2014 में गुड़गांव विधानसभा सीट से उमेश अग्रवाल ने करीब 84000 वोटों से कांग्रेस के मंत्री रहे सुखबीर कटारिया को हराया था।
गुड़गांव में शहरी मतदाता ज्यादा
गुड़गांव में कुल 288106 मतदाता हैं। देश की राजधानी दिल्ली और हरियाणा के बॉर्डर पर स्थित गुरुग्राम का पहले नाम गुड़गांव हुआ करता था। यह शहर हरियाणा का एक मेन फाइनेंशियल और औद्योगिक केंद्र भी है। गुरुग्राम सीट पर ग्रामीण से ज्यादा शहरी मतदाता हैं। चंडीगढ़ और मुंबई के बाद गुरुग्राम भारत का तीसरा सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति आय वाला जिला है।