सीएम सैनी के सामने कितनी मुश्किल चुनौती पेश करेंगे मेवा? जानें लाडवा सीट के सियासी समीकरण
नायब सिंह सैनी फिलहाल करनाल विधानसभा सीट से विधायक हैं। इससे पहले वह कुरुक्षेत्र से सांसद थे। 2014 में वह नारायणगढ़ से विधायक रह चुके हैं। अब वह लाडवा से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, मेवा सिंह लाडवा से मौजूदा विधायक हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में सबसे अहम सीट लाडवा मानी जा रही है। इस सीट पर खुद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने उनके सामने मेवा सिंह को टिकट दिया है। नायब सिंह सैनी पांच अक्टूबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। कांग्रेस, आप और जेजेपी के उम्मीदवार भी नामांकन कर चुके हैं। सभी का प्रचार चरम पर है और कांग्रेस का दावा है कि मेवा सिंह इस बार सीएम सैनी को हराकर राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने का रास्ता साफ करने वाले हैं।
नायब सिंह सैनी फिलहाल करनाल विधानसभा सीट से विधायक हैं। राज्य के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर 2019 में यहां से चुनाव जीते थे, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में उपचुनाव में नायब सिंह सैनी ने यहां से जीत हासिल की। उन्होंने मनोहर लाल खट्टर की जगह मुख्यमंत्री और करनाल विधायक दोनों जिम्मेदारियों को संभाला है।
उम्मीदवार | पार्टी |
---|---|
नायब सिंह सैनी | भारतीय जनता पार्टी |
मेवा सिंह | कांग्रेस |
जोगा सिंह | आम आदमी पार्टी |
विनोद कुमार शर्मा | जननायक जनता पार्टी |
सपना बरशामी | इंडियन नेशनल लोकदल |
सैनी की सीट बदली
नायब सिंह सैनी पांच महीने बाद एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। 12 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले सैनी ने 25 मई को हुए उपचुनाव में करनाल सीट से कांग्रेस के तरलोचन सिंह को हराया था। अबकी बार उनके सामने लाडवा में मेवा सिंह की चुनौती है। 2019 में सैनी ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था, क्योंकि वह कुरुक्षेत्र से सांसद बन चुके थे। इससे पहले वह नारायणगढ़ से 2010 और 2014 में चुनाव लड़ चुके हैं। 2010 में उन्हें हार मिली थी, लेकिन 2014 में वह जीत गए थे।
2019 में मेवा को मिली थी जीत
मेवा ने लाडवा सीट पर 2019 में जीत हासिल की थी। उन्होंने बीजेपी के डॉ. पवन सैनी को हराया था। मेवा सिंह को 57665 वोट हासिल हुए थे, जबकि पवन सैनी को 45028 वोट मिले थे। आईएनएलडी की सपना बरशामी को 15476 वोट हासिल हुए थे। इस सीट पर इस बार भी मुख्य लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच है। हालांकि, सीएम सैनी इस सीट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन पूरे राज्य में उनकी लोकप्रियता से इंकार नहीं किया जा सकता। सैनी की जीत-हार ही पूरे राज्य में बीजेपी के प्रदर्शन का प्रतीक होगी। अगर बीजेपी के खिलाफ लहर किसानों और पहलवानों में कायम रहती है तो सैनी के साथ ही बीजेपी के अन्य उम्मीदवार चुनाव हार सकते हैं। इस स्थिति में पार्टी का सत्ता से जाना तय है। वहीं, अगर यह लहर वास्तविक नहीं है या मतदान पर इसका असर नहीं दिखता है तो बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बना सकती है।
आठ अक्टूबर को आएंगे नतीजे
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होगा और आठ अक्टूबर को मतगणना होगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 12 सितंबर थी, नामांकन पत्रों की जांच 13 सितंबर को की गई और 16 सितंबर तक नामांकन वापस लिए जाने की अंतिम तारीख थी। पहले मतदान की तारीख एक अक्टूबर और नतीजे की तारीख चार अक्टूबर थी, लेकिन त्योहार के कारण चुनाव की तारीखों में बदलाव किया गया।